विजयादशमी के शुभ अवसर पर देशभर में त्योहार की धूम देखने को मिली। देश के कोने-कोने में अलग-अलग जगहों पर रावण दहन का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रामलीला मैदान में दशहरा समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की भूमिका निभाने वाले कलाकारों के माथे पर तिलक लगाया और उनकी आरती की। इसके बाद वहां मौजूद जनता को संबोधित भी किया।
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा, “आज विजयादशमी है। दो कार्य हो रहे होंगे। एक तरफ भगवान राम का अभिषेक कर उनकी आरती उतारी जा रही होगी। और दूसरी तरफ रावण के पुतले भी जलाए जा रहे होंगे। अगर कोई मानवता के खिलाफ कार्य करेगा… गरीबों, महिलाओं पर अत्याचार करेगा, अधर्म और असत्य के मार्ग पर चलेगा, तो उसका पुतला भी ऐसे ही जलाया जाएगा, जैसे रावण के पुतले जलाए जाते हैं। वो व्.क्ति कोई भी हो, जाति, मजहब, क्षेत्र और भाषा कोई भी हो… ये समाज उसके साथ यहीं व्यवहार करेगा। और कोई भी धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलेगा, विरासत और विकास की यात्रा में सहभागी बनेगा, राम और माता जानकी के रुप में उसकी पूजा ऐसे ही होती रहेगी, जैसे आज हम भगवान राम माता जानकी का कर रहे हैं।”
संगठित रहेंगे तो देश भी सुरक्षित रहेगा और स्वयं भी: CM योगी
उन्होंने कहा कि मानव जाति का ये दायित्व बनता है कि हम मानव बनना चाहते हैं या दानव। मानव बनना चाहते हैं तो भगवान राम के पथ का अनुसरण करेंगे। छुआछूत से दूरी बनाइये। समाज को एकजुट करिए। संगठित रहेंगे तो सुरक्षित भी रहेंगे। देश को भी सुरक्षा दे पाएंगे और स्वयं को भी।
सीएम योगी ने कहा, “याद रखना राजनीतिक स्वतंत्रता, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्वतंत्रता की भी वाहक होती है। संगठित होकर देश की लड़ाई लड़ी गई। इस संगठन की ताकत को जाति के नाम पर भाषा के आधार पर मजहब-संप्रदाय के आधार पर कोई भेदभाव नहीं था। उसी संगठन को एक करने के लिए अयोध्या में एक ओर 500 वर्षों के बाद रामलला विराजमान हुए। दूसरी ओर हमसबके लिए मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पावन कथा को रामायण के रुप में देने वाले वाल्मीकि के नाम पर अयोध्या के एयरपोर्ट का नाम रखा गया।”
भारत का हिंदू एवं सनातन समाज कभी भी विपन्न नहीं रहा: CM योगी
उन्होंने कहा कि ये पर्व और त्योहार हम केवल आयोजन के हिसाब से नहीं करते हैं। उससे प्रेरणा के लिए भी प्रेरित करते हैं। भारत का हिंदू एवं सनातन समाज कभी भी विपन्न नहीं रहा। बल, बुद्धि और वैभव में सदैव दुनिया के अंदर अग्रणी रहा, लेकिन साजिश के तहत विभाजनकारी ताकतें इसी समाज में रहकर जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर बांटने का पाप मध्यकाल में किया था, उसी के विषण आज भी यत्र-तत्र हम सबके बीच बिखरे पड़े हैं। ये लोग अपने स्वार्थ के लिए हमें बांटने का काम कर रहे हैं। हम ये कतई ना होने दें।
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