Sanjauli mosque: हिमाचल प्रदेश में शिमला के संजौली अवैध मस्जिद निर्माण पर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ जहां मामला कोर्ट में चल रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ हिंदू और हिंदू संगठन संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए एकजुट हो गए हैं। शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद पर कोहराम मचा है। इस विवाद पर हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पूरे मामले पर सरकार की नजर है और अवैध पाए जाने पर ढहाने की कार्रवाई होगी।
अवैध हिस्से को ध्वस्त करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों की बुधवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प हो गई। पुलिस ने मस्जिद के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों पर लाठियां बरसाई। हिमाचल पुलिस ने मस्जिद की और जाने वाली सड़कों पर बैरिकेंडिग कर मस्जिद की और आने वाली ढली टनल भी बंद कर दी थी। शिमला पुलिस-प्रशासन ने भीड़ को रोकने के लिए पूरे इंतजाम किए थे। ड्रोन से निगरानी, बीएनएस की धारा 163, अतिरिक्त पुलिस बल, लेकिन सब नाकाफी रहा।
संजौली विवाद पर क्या बोले विक्रमादित्य सिंह?
संजौली इलाके में एक मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के मामले पर मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ‘यह मामला लंबे समय से लंबित है। जहां तक इसमें अवैध भवन के निर्माण की बात है, उस पर सरकार ने संज्ञान लिया है। मैंने विधानसभा में भी मजबूती से कहा है कि जैसे ही इसमें फैसला आता है और अगर ये अवैध पाया जाता है तो निश्चित तौर पर इसे ध्वस्त किया जाएगा। हमें कानून की प्रक्रिया से आगे चलना है। हम चाहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में शांति का माहौल बना रहे’
5 हजार से अधिक अधिक अवैध निर्माण
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शांति बनाये रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मस्जिद के संबंध में विवाद पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी। यह केवल एक ढांचे का मामला नहीं है, बल्कि ऐसे 4,000-5,000 से अधिक ढांचे हैं। पिछले 14 साल से यह मामला नगर निगम आयुक्त की अदालत में लंबित रहा है और मामले की सुनवाई तेज करने के प्रयास किए जाएंगे।
अदालत ने 5 अक्टूबर को सुनवाई
वक्फ बोर्ड ने शनिवार को शिमला की एक अदालत में कहा कि संजौली कॉलोनी स्थित विवादित मस्जिद का मालिकाना हक उसी का है और विवाद केवल इसके अन्य मुद्दों को लेकर है। शिमला नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मस्जिद मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और अगली सुनवाई 5 अक्टूबर के लिए तय की। यह मामला पिछले 14 साल से अदालत में विचाराधीन है, लेकिन निकटवर्ती मल्याणा क्षेत्र में झगड़े के दौरान एक व्यापारी पर कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा कथित रूप से हमला किये जाने के बाद बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए और मस्जिद को ध्वस्त किए जाने की मांग की जाने लगी।
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