‘संविधान का उल्लंघन, जनता के साथ धोखा’ आतिशी के बगल में खाली कुर्सी छोड़ने पर भड़के मायावती के भतीजे

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Akash Anand attack Atishi: दिल्ली में ‘आतिशी’ पारी का आगाज हो गया है। सोमवार (23 सितंबर) को आतिशी दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला। हालांकि इस दौरान उन्होंने जिस तरह आतिशी ने अरविंद केजरीवाल की कुर्सी को खाली छोड़ अपने लिए अगल चेयर लगवाई। इस पर काफी सियासत हो रही है।

आतिशी के इस कदम पर BJP के तमाम नेता हमलावर है और इसे संविधान का उल्लंघन बता रहे हैं। वहीं अब BSP प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने भी इसकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ये दिल्ली की जनता के साथ धोखा है।

आतिशी ने खाली छोड़ी केजरीवाल की कुर्सी

आतिशी ने CM पद का कार्यभार संभालते हुए बीते दिन अपनी एक तस्वीर एक्स (ट्विटर) पर शेयर की। इस दरौान उन्होंने कहा, “आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली है। आज मेरे मन में वो ही व्यथा है जो भरत के मन में थी जब उनके बड़े भाई भगवान श्री राम 14 साल के वनवास पर गए थे, और भरत जी को अयोध्या का शासन संभालना पड़ा था। जैसे भरत ने 14 साल भगवान श्री राम की खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला, वैसे ही मैं 4 महीने दिल्ली की सरकार चलाऊंगी।”

आतिशी के फैसले पर भड़के आकाश आनंद

आतिशी के इस पोस्ट पर आकाश आनंद ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की तस्वीर लगाकर अरविंद केजरीवाल का खड़ाऊ  रखकर अयोध्या के शासन का सपना देख रही आतिशी सिंह की यह तस्वीर गुमराह करने वाली है। साथ ही उनके शब्द संविधान की शपथ का उल्लंघन है।”

आकाश आनंद ने कहा कि उनकी आस्था अरविंद केजरीवाल के प्रति ज्यादा दिख रही है न कि भारत के संविधान के प्रति। इससे पद की गोपनीयता प्रभावित होगी। ये दिल्ली की जनता के साथ धोखा है।

दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं आतिशी

बता दें कि अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी ने 21 सितंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने कांग्रेस की शीला दीक्षित और बीजेपी की सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली की 8वीं और तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ पांच कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिसमें 4 पिछली सरकार के और एक नया चेहरा शामिल है।

दिल्ली शराब घोटाले मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल ने जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद CM पद से इस्तीफे का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि वह दोबारा जनता के फैसले यानी चुनाव में चुने जाने के बाद ही इस कुर्सी पर बैठेंगे। 

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