‘संविधान की प्रति जेब में रखते हैं विपक्ष के नेता, बचपन से यही सीखा’, लोकसभा में राजनाथ सिंह का तंज

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Rajnath Singh in Loksabha: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में संविधान पर विशेष चर्चा की शुरुआत की है। इस दौरान वह विपक्ष और कांग्रेस को निशाने पर लेते नजर आए। राजनाथ सिंह ने विपक्ष के नेता संविधान की प्रति जेब में लेकर घूमते हैं। उन्होंने बचपन से यही सीखा है।

बता दें कि संसद में संविधान पर विशेष की जा रही है। लोकसभा में संविधान की अब तक की यात्रा पर 12 घंटे की चर्चा होगी।

राजनाथ सिंह ने की चर्चा की शुरुआत

आज (13 दिसंबर) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि भारत के संविधान के अमृत महोत्सव के साक्षी हैं। 75 वर्ष पहले सभा में न्यूली इंडिपेंडेंट इंडिया के लिए संविधान वर्णन का महान काम हुआ था।

उन्होंने कहा कि हम भारत के लोगों ने 26 नवंबर 1949 के दिन संविधान को अपनाया, अधिनियमित किया और राष्ट्र को समर्पित किया था। यह वह दिन था, जब भारत के लोग ‘प्रजा’ से ‘नागरिक’ बने थे। ऐसे नागरिक जिनके अपने मौलिक अधिकार थे और उनके पास एक भारतीय नागरिक होने का गौरव था। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार संविधान के मूल्यों को केंद्र में रखकर काम कर रही है।

‘BJP संविधान को सिर माथे पर लगाती है’

चर्चा के दौरान राजनाथ सिंह ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पर बिना नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के कई नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर घूमते हैं क्योंकि उन्होंने पीढ़ियों से अपने परिवार में संविधान को जेब में ही रखे देखा है। उन्होंने पीढ़ियों से अपने परिवार में संविधान को जेब में ही रखे देखा है, लेकिन BJP संविधान को सिर माथे पर लगाती है। हमारी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति पूरी तरह साफ है।

उन्होंने यह भी कहा कहा, ‘‘एक पार्टी विशेष द्वारा संविधान निर्माण के कार्य को ‘हाईजैक’ करने की कोशिश हमेशा से की गई है। भारत में संविधान निर्माण के इतिहास से जुड़ी ये सब बातें लोगों से छिपाई गई हैं।’’

‘कांग्रेस ने हमेशा सत्ता को चुना और…’

राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को जब भी सत्ता और संविधान में से किसी एक को चुनना था तो उन्होंने हमेशा सत्ता को चुना। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कभी किसी संस्था की स्वतंत्रता और स्वायत्तता के साथ खिलवाड़ नहीं किया है। संविधान के मूल्य हमारे लिए कहने या दिखाने भर की बात नहीं हैं। संविधान के मूल्य, संविधान के द्वारा दिखाया गया मार्ग, संविधान के सिद्धांत, हमारे मन में, वचन में, कर्म में, हर जगह दिखाई पड़ेंगे।’’

उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 10 वर्षों में जो भी संवैधानिक संशोधन किये, उन सभी का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ संवैधानिक मूल्यों को सशक्त करना था, सामाजिक कल्याण था और लोगों का सशक्तीकरण था। कांग्रेस की तरह, हमने संविधान को कभी राजनीतिक हित साधने का जरिया नहीं बनाया। हमने संविधान को जिया है। हमने सजग और सच्चे सिपाही की तरह संविधान के खिलाफ की जा रही साजिशों का सामना किया है और उसकी रक्षा के लिए बड़े से बड़ा कष्ट भी उठाया है।

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