Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि संस्कृत न केवल देववाणी है बल्कि यह विज्ञान की भाषा भी है, जो कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) जैसी आधुनिक तकनीकों में उपयोगी है। योगी ने यहां संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से प्रदेश के संस्कृत भाषा के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर प्रदेश के 69,195 संस्कृत विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरण की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर में गुरुकुल पद्धति के आवासीय संस्कृत विद्यालयों को पुनर्स्थापित करने का भी संकल्प लिया।
मुख्यमंत्री ने संस्कृत भाषा को विज्ञान और तकनीकी शिक्षा की भाषा के रूप में प्रोत्साहित करने की संभावना पर जोर दिया और छात्रों से इसे गंभीरता से अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जो मानवता का पक्षधर है वह संस्कृत का भी हिमायती है। योगी ने पिछली सरकारों के शासनकाल के दौरान संस्कृत शिक्षा को उपेक्षित रखे जाने का आरोप लगाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा, “संस्कृत न केवल देववाणी है बल्कि यह विज्ञान की भाषा भी है, जो कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमता जैसी आधुनिक तकनीकों में उपयोगी है।” उन्होंने कहा, “संस्कृत की विशेषताएं इसे तकनीकी दृष्टिकोण से सरल और सहज बनाती हैं। इसीलिए हम संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए नए प्रयासों की दिशा में कार्य कर रहे हैं।”
योगी ने कार्यक्रम में छात्रवृत्ति योजना का महत्व बताते हुए कहा, “पहले संस्कृत के केवल 300 विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति मिलती थी, उसमें भी आयु सीमा तय करके रखा गया था, लेकिन अब हमारी सरकार ने इसे सभी छात्रों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। प्रदेश में संस्कृत के 69,195 विद्यार्थियों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा।” उन्होंने सभी विद्यार्थियों का बैंक खाता खुलवाने का निर्देश भी दिया, जिससे उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ सीधा और सुरक्षित रूप से मिल सके।
संस्कृत और भारतीय संस्कृति के महत्व को रेखांकित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरुकुल शिक्षा पद्धति को फिर से प्रदेशभर में लागू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि यह परंपरा ही हमारी असली ताकत है और इससे ही भारत विश्वगुरु के रूप में उभर सकता है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गुरुकुल संस्थानों को अतिरिक्त सुविधाएं दी जाएंगी, जिसमें छात्रों के लिए नि:शुल्क छात्रावास और भोजन की व्यवस्था करने वाले संस्थानों को सरकार की ओर से विशेष सहायता मिलेगी। ऐसे संस्थानों को विद्वान आचार्यों की नियुक्ति की भी स्वतंत्रता दी जाएगी।
योगी ने संस्कृत भाषा को और अधिक बढ़ावा देने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्थापित वैदिक विज्ञान केंद्र के माध्यम से संस्कृत के विशिष्ट शोध को प्रोत्साहित कर रही है। इस केंद्र में शोध करने वाले छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति भी दी जाएगी ताकि वे आर्थिक चिंता किए बिना अपने शोध को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा, “जब भौतिकवाद और चकाचौंध वाली दुनिया में हर व्यक्ति भौतिकता के पीछे भाग रहा है, तब भी उत्तर प्रदेश में में डेढ़ लाख बच्चे अपना जीवन संस्कृत और भारतीय संस्कृति के साथ समर्पित करते हुए आगे बढ़ रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। जिन स्थानों पर अभी तक शिक्षक नहीं हैं, वहां मानदेय के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी और उनके अनुभव को वरीयता दी जाएगी।” इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 12 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का चेक प्रदान कर योजना की विधिवत शुरुआत की।