राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बुधवार को एक अदालत को सूचित किया कि वह जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद के खिलाफ आतंकवाद के कथित वित्तपोषण के मामले की सुनवाई कर रही अदालत को विशेष शक्तियां प्रदान करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी, ताकि वह मामले की सुनवाई जारी रख सके।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमल कुमार यादव एक विशेष न्यायाधीश द्वारा अनुशंसित मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें आतंकवाद वित्तपोषण के मामले को सांसद/विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए निर्दिष्ट अदालत में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई थी, क्योंकि न्यायाधीश ने इस बात का संज्ञान लिया था कि रशीद अब संसद सदस्य हैं।
एनआईए की ओर से पेश वकील ने जिला न्यायाधीश के समक्ष दलील दी कि जांच एजेंसी को उच्च न्यायालय से जवाब प्राप्त करने के लिए 10 दिन का समय दिया जाए।
जिला न्यायाधीश ने रशीद की अंतरिम जमानत याचिका को छह दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया, ताकि वह संसद के मौजूदा सत्र में भाग ले सकें।
बुधवार को बहस के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता और एनआईए के विशेष अभियोजक सिद्धार्थ लूथरा ने जिला न्यायाधीश को सूचित किया कि मामले को विशेष अदालत से स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे सुनवाई में देरी होगी।
इससे पहले, रशीद और एनआईए के वकीलों ने मामले को सुनवाई करने वाली अदालत में ही जारी रखने की मांग की थी।