Weather Update: मध्य भारत में उत्पन्न दबाव क्षेत्र के कारण अगले दो से तीन दिन उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्रों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अपराह्न एक बजे जारी आईएमडी की नवीनतम जानकारी के अनुसार, यह दबाव क्षेत्र आगरा से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और ग्वालियर से 50 किलोमीटर उत्तर-उत्तरपूर्व में स्थित है। उम्मीद है कि यह उत्तर-उत्तरपूर्व दिशा की ओर बढ़ना जारी रखेगा और शुक्रवार को धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाएगा।
आईएमडी ने कहा कि उत्तराखंड में 12 से 14 सितंबर तक हल्की से मध्यम बारिश के आसार है, इसके साथ ही कुछ स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। हरियाणा में 12 से 15 सितंबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश के साथ किसी समय भारी वर्षा भी होने की संभावना है।
इस अवधि के दौरान पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। मध्यप्रदेश में 12 सितंबर को भारी बारिश का पूर्वानुमान है, इसके बाद अगले कुछ दिन मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।
राजस्थान में 12 सितंबर को भारी बारिश
पश्चिमी राजस्थान में 12 सितंबर को भारी वर्षा हो सकती है तथा पूर्वी राजस्थान में 12 और 13 सितंबर को भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। विभाग के अनुसार 64.5 मिलीमीटर से 115.5 मिलीमीटर (मिमी) के बीच वर्षा को ‘भारी बारिश’ माना जाता है जबकि 115.6 मिमी से 204.4 मिमी के बीच बारिश को ‘‘बहुत भारी’’ तथा 204.5 मिमी से अधिक वर्षा को ‘‘अत्यंत भारी’’ बारिश माना जाता है।
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काईमेट’ ने कहा कि इस दबाव क्षेत्र के राष्ट्रीय राजधानी से दूर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की ओर उत्तर-पूर्व दिशा में मुड़ने की संभावना है। इस दबाव के साथ भारी बारिश वाला क्षेत्र भी स्थानांतरित हो जाएंगा। बीहड़ इलाकों की निकटता के कारण अगले 24 घंटों में दबाव का क्षेत्र तेजी से कमजोर होकर निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा।
मौसम विभाग ने कई क्षेत्रों, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी और पश्चिमी मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में अचानक बाढ़ आने को लेकर मध्यम से भारी खतरे की चेतावनी दी है। आईएमडी ने कहा कि वर्षा के कारण निचले और पूरी तरह से जलमग्न क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है।
इसमें कहा गया है कि भारी वर्षा के कारण स्थानीय स्तर पर सड़कें जलमग्न हो सकती हैं, निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है और विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में अंडरपास बंद हो सकते हैं। आईएमडी ने कहा कि सड़कों पर पानी भर जाने के कारण यातायात बाधित होने की संभावना है और कुछ इलाकों में दृश्यता कम हो सकती है। कच्ची सड़कों और कमजोर संरचनाओं को मामूली नुकसान होने की संभावना है, साथ ही बारिश और हवा के कारण भूस्खलन और फसलों को नुकसान होने की भी आशंका है।