मध्यप्रदेश में सोयाबीन की कम से कम 6,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर सरकारी खरीद की मांग करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति के सदस्य शिव कुमार शर्मा ने मंगलवार को चेतावनी दी कि यह मांग पूरी नहीं की गई, तो किसानों को दिल्ली में 2020-21 में हुए आंदोलन से कई गुना बड़ा सत्याग्रह करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
‘कक्काजी’ के नाम से मशहूर शर्मा संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष हैं। उन्होंने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘हमारी मांग है कि राज्य में सोयाबीन की कम से कम 6,000 रुपये प्रति क्विंटल पर सरकारी खरीद की जाए। हम सरकार से संवाद के जरिये इस विषय का समाधान चाहते हैं। लेकिन अगर सरकार इस तरीके से समाधान नहीं निकालती है, तो हमें सत्याग्रह के लिए बाध्य होना पड़ेगा।’
उन्होंने दावा किया कि अब किसानों का जो सत्याग्रह होगा वह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में 2020-21 में हुए आंदोलन से ‘कई गुना बड़ा’ होगा और इस सत्याग्रह की तैयारी की जा रही है। केंद्र सरकार ने सोयाबीन (पीला) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2024-25 के लिए 4,892 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
किसानों के आंदोलन के बाद सरकार ने सूबे में एमएसपी पर सोयाबीन खरीद को मंजूरी दी है। शर्मा ने कहा कि किसानों की यह भी मांग है कि खेती की लागत में इजाफे के चलते कपास और मक्का का एमएसपी बढ़ाया जाए।
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