जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) को हिरासत में लिए जाने पर सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इसे लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जो लोग शांति से डरते हैं, वो अंदर से डरे हुए लोग होते हैं। लद्दाख के मुद्दे को बड़े चश्मे से देखने की जरूरत है ना कि इसके लिए उठ रही आवाज को दबाना है।
सपा के मुखिया अखिलेश यादव जलवायु कार्यकर्ता और सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के समर्थन में उतरे आए हैं। उन्होंने वांगचुक को डिटेन किए जाने का विरोध किया है और उनके समर्थन पर X पर लंबा-चौड़ा पोस्ट भी किया है। उन्होंने लिखा, लद्दाख को बचाने की कोशिश अपनी सीमावर्ती जमीन को बचाना भी है। अगर चारागाह पर धीरे-धीरे दूसरों का क़ब्ज़ा होता जाएगा तो लद्दाख के पश्मीना चरवाहों की भेड़-बकरियों और उनसे जुड़े उत्पादों के लिए घोर संकट पैदा हो जाएगा, जिसका सीधा संबंध लद्दाख के समाज के जीवनयापन से जुड़ा है। इसीलिए ये मुद्दा एक संवेदनशील सामरिक मुद्दे के अलावा एक बेहद चिंतनीय आर्थिक-सामाजिक मुद्दा भी है।
लद्दाख के मुद्दे को बड़े चश्मे से देखने की जरूरत-अखिलेश यादव
लद्दाख के मुद्दे को बड़े चश्मे से देखने की जरूरत है। इसके लिए उठ रही आवाजों को दबाना, देश के लिए चुनौती बन रही एक बड़ी दखलंदाज़ी से मुंह मोड़ना है। इसीलिए लद्दाख के मुद्दे को प्राथमिकताओं में भी प्राथमिकता मानना चाहिए। इस संदर्भ में ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार को बार-बार लद्दाख की परेशानियों और चुनौतियों की याद दिलानी पड़ती है। जब कोई जान बूझकर सुनना नहीं चाहता है, तो जान बूझकर उसे फिर से सुनाया जाता है। इसीलिए हमने पहले भी कहा था, आज फिर से वही पूरी बात दोहरा रहे हैं ।
सोनम वांगचुक के आंदोलन को कामयाब बनाएं-अखिलेश यादव
‘पानी और नमक’ के सहारे अनशन करनेवालों का महत्व वो भाजपा क्या समझेगी, जिसकी आंख का पानी मर गया है और जो नमक का कर्ज तक चुकाना नहीं जानती। देश की जनता सोनम वांगचुक जी के लद्दाख, देश की सीमाओं व पर्यावरण की रक्षा के लिए किये जा रहे संघर्ष में हर तरह से उनके साथ है। हम सबका ‘सम्पूर्ण समर्थन’ उनके इस महान आंदोलन को कामयाब बनाएगा। भाजपा के वसूली के बल पर जमा किये गये पैसों के अंबार से जन्मे अहंकार ने उसकी देखने, सुनने और समझने की शक्ति छीन ली है। ये भाजपा का पतनकाल है।
हिरासत में लिए गए सोनम वांगचुक
बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से सोमवार रात को हिरासत में लिया। वांगचुक अपनी 700 किलोमीटर लंबी ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ के दैरान दिल्ली में एंट्री कर रहे थे। सोनम ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर जाने के ऐलान किया था, वांगचुक से साथ इस ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ में करीब 150 लोग भी दिल्ली आ रहे थे, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
सोनम वांगचुक को क्यों पुलिस हिरासत में लिया?
देश की राजधानी दिल्ली में BNSS की धारा-163 लगाई गई है। शहर के कई इलाकों में अगले 6 दिनों तक ये धारा लागू रहेगी। इस दौरान धरना-प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है। इसे लेकर दिल्ली पुलिस ने सोनम वांगचुक को वापस जाने के लिए कहा, लेकिन जब वे नहीं रुके तो सीमा पर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने वांगचुक समेत करीब 150 लोगों को हिरासत में ले लिया। सभी लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की समेत कई मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ पर निकल थे।