विप्रो के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन रिशद प्रेमजी का कहना है कि उनका वर्क-लाइफ बैलेंस में अटूट भरोसा है। काम के घंटे को लेकर को चल रही हालिया बहस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यह बात कही। प्रेमजी ने 23 जनवरी को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, दावोस में कहा, ‘आप जो संतुलन चाहते हैं, उसका मतलब काम करना और उसके बाद अपना दिमाग ठंडा करना है, न कि 10/20/30 या 70 घंटे गिनना। बहरहाल, मेरा वर्क-लाइफ बैलेंस में अटूट भरोसा है’