हिंदू-पर्व त्योहारों को लेकर देश में इन दिनों सियासी गलियारों की हलचल काफी तेज है। इस सिलसिले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की तरफ से लगातार बयान सामने आ रही है। केंद्रीय मंत्री ने दिवाली के मौके पर हिंदू धर्म के खिलाफ पक्षपात करने वालों को एक बार फिर से चेतावनी जारी कर दी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने पोस्ट कर लिखा, “धार्मिक मतभेद बातों से सुलझ जाए तो बेहतर है। खेमा चाहे कोई भी हो इसका पालन किया जाए तो बेहतर है। हमारी उदारता को कायरता न समझा जाए तो बेहतर है। जय हिन्द! जय भारत!”
गिरिराज सिंह ने बताया ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का मतलब
बीते कुछ दिनों से बटेंगे तो कटेंगे बयान काफी सुर्खियों में है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सभा में कहा था कि बटेंगे तो कटेंगे। अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसका मतलब समझाया है।
वायरल वीडियो में गिरिराज सिंह कह रहे हैं, “अगर यह घुसपैठिए, यह मुसलमान अगर हमें एक थप्पड़ मारे सब जमा होकर के उसे 100 थप्पड़ मारेंगे। अगर ऐसा करेंगे तो भाइयों बहनों दोनों से कह रहा हूं कि महादेव की सौगंध और हाथ उठाकर का कहो हर हर महादेव। इसलिए मैं कह रहा हूं सब मिलकर के इकट्ठा हो और एक साथ रहोगे तो सुरक्षित रहोगे वर्ना बटेंगे तो कटेंगे। इसलिए सब लोग अपने घर में महादेव का दिया हुआ, देवी का दिया हुआ, दुर्गा मैया के हाथ में तलवार रहता है ना, शंकर जी के हाथ में त्रिशूल रहता है ना, भाला भी रहता है ना, अपने अपने घर में उसकी पूजा करो, और कोई आए दुश्मन तो उससे अपनी रक्षा भी करो।”
देश के अंदर किसी को पाकिस्तान चाहिए तो किसी को…: गिरिराज सिंह
हिंदू स्वाभिमान यात्रा समापन भाषण में गिरिराज सिंह ने कहा, “हमलोग एक थे, एक हैं और एक रहेंगे। जात-पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई। मैं 5 मिनट में अपना भाषण खत्म करूंगा। मेरे इस यात्रा का मतलब केवल इतना था कि हिंदुओं के कमजोर मत मानो। मैं आपको जगाने के लिए आया हूं। मेरे पत्रकार मित्र कहते हैं कि ये यात्रा निकालने के जरूरत क्यों पड़ी। हम कहते हैं कि अगर ये जानना है तो देखें कि हमारे भाई-बहनों के साथ क्या हो रहा है। देश के अंदर किसी को पाकिस्तान चाहिए तो कोई खालिस्तान चाहता है। कोई अपना मुल्क अलग इस्लाम चाहता है। मैं हिंदू हूं, और क्या कोई हिन्दुस्तान चाहता है? हिन्दू वो जिसको सहना, चुप रहना आता है। हिन्दू वो जिसको मौत के घाट उतारा जाता है। हिन्दू वो जिनकी बहन-बेटियों की इज्जत को उछाला जाता है। हिन्दू वो जिन्हें खंजर भोंका जाता है, लेकिन फिर हल्के से सहलाया जाता है। आतंकियों की मौत के बदले भारत के टुकड़े का वादा स्टूडेंट्स से कराया जाता है।”
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