Swami Avimukteshwaranand: प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी, 2025 को पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ होने जा रहा है। महाकुंभ मेले में गैर हिंदुओं के दुकाने लगाने को लेकर विवाद जारी है। अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ में गैर हिंदुओं को खानपान की दुकानें आवंटित नहीं करने की मांग की है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी महाकुंभ में मुसलमानों को एंट्री नहीं देने की मांग की है।
वाराणसी पहुंचे शंकराचार्य स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाकुंभ में मुस्लिमों को रोकने की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने सऊदी अरब में मुस्लिमों के तीर्थ स्थल मक्का और मदीना का हवाला देते हुए कहा कि ‘वहां मुसलमानों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है। मक्का में जाने की तो बात दूर, वहां जाने से 40 किलोमीटर पहले ही हिंदुओं को रोक दिया जाता है। क्यों रोकते हैं? इसलिए ना कि हमारा तीर्थ है, तो तुम्हारा क्या काम है? तो ठीक है हम भी ये ही कह रहे हैं कि हिंदुओं का महाकुंभ है तुम्हारा क्या काम है? इसमें क्या गलत है? तुमने शुरु किया, अब हम भी कर रहे हैं।’
‘गाय की रक्षा के लिए होगा हवन’
शंकराचार्य स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाराष्ट्र में हो रहे विधानसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे सरकार को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि गाय को राज्य माता का दर्जा जिसने दिया, उसे समर्थन मिलना चाहिए। स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद ने गाय की रक्षा की बात करते हुए कहा कि कुंभ में एक महीने तक गाय की रक्षा के लिए हवन होगा। जहां गाय कटेगी, वहां हिंदू की स्थिति खराब होगी।
दुकान आवंटन पर मेलाधिकारी का बयान
महाकुंभ मेले की सुचिता और शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए गैर सनातनियों को खाने पीने की दुकान नहीं आवंटित करने की अखाड़ा परिषद की मांग पर मेला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि मेले में दुकानें टेंडर प्रक्रिया से ही आवंटित होंगी। प्रयागराज में लगने वाले कुंभ और महाकुंभ मेले में हमेशा से दुकानें टेंडर प्रक्रिया से आवंटित होती रही हैं, जिसमें किसी वर्ग विशेष को दुकानें आवंटित करने पर रोक नहीं है। हालांकि, खाने-पीने की वस्तुओं में गंदगी मिलाए जाने के पिछले दिनों कई वीडियो वायरल होने के बाद से अखाड़ा परिषद गैर सनातनियों को खानपान की दुकानें आवंटित करने का विरोध कर रहा है।
अखाड़ा परिषद की मांग
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने शुक्रवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सभागार में बैठक के बाद एक बार फिर कहा, ‘हमारा विरोध किसी वर्ग विशेष से नहीं है। हाल ही में खाने में थूक, पेशाब आदि मिलाकर परोसे जाने का वीडियो सामने आने के बाद हमारी मांग है कि जूस की दुकान, खानपान की दुकान, ढाबा आदि गैर सनातनियों को ना दी जाएं। इस मेले में देशभर से साधु संत, तपस्वी आते हैं और गैर सनातनी लोग खाने पीने की चीजों में गंदगी मिलाकर उनका धर्म भ्रष्ट कर सकते हैं। इसलिए हमारी मांग है कि खानपान की दुकानें केवल सनातनियों को ही आवंटित की जाएं।’
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