हरियाणा में दो महीने पहले पश्चिम बंगाल के जिस प्रवासी श्रमिक की गोमांस खाने के संदेह में कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी उस सिलसिले में प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण में यह पता चला कि वह गोमांस नहीं था। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
चरखी दादरी जिले के हंसावास खुर्द गांव में झुग्गी में रहने वाले साबिर मलिक की हत्या के सिलसिले में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वह कूड़ा इकट्ठा था। बाढड़ा (चरखी दादरी) के पुलिस उपाधीक्षक भारत भूषण ने फोन पर बताया, ‘‘झुग्गी से मांस का नमूना लेकर उसे जांच के लिए फरीदाबाद की प्रयोगशाला में भेजा गया। हमें रिपोर्ट मिल गई है, जिससे पुष्टि हो गई है कि वह गोमांस नहीं था।’’
उन्होंने बताया, ‘‘जल्द ही हम रिपोर्ट के साथ अदालत में चालान पेश करेंगे।’’ पुलिस के अनुसार, मलिक पर गोमांस खाने का संदेह होने पर आरोपियों ने 27 अगस्त को कथित तौर पर उसे खाली प्लास्टिक की बोतलें बेचने के बहाने एक दुकान पर बुलाया और फिर उसकी पिटाई की। जब कुछ लोगों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो वे कथित तौर पर उसे दूसरी जगह ले गए और फिर दोबारा से वहां उसकी पिटाई की।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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