1984 Sikh Riots: 80 के दशक में सिखों के साथ जो हुआ, वो आज भी कोई भूला नहीं है। 1984 सिख कत्लेआम (198) का वो दौर याद करके आज भी हर कोई सहम जाता है। जो दर्द, जो पीड़ा, जो दंश सिखों ने झेला, उसकी शायद कभी भरपाई न हो पाए, लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi LG) ने सिख कत्लेआम के पीड़ितों के लिए अहम फैसले लिए हैं।
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना (VK Saxena) ने पहले 1984 सिख कत्लेआम के पीड़ितों की 4 दशकों से लंबित नौकरी में छूट की मांग को पूरा किया और अब एक बड़ा ऐलान किया है। दरअसल उपराज्यपाल ने पश्चिमी दिल्ली के तिलक विहार (Tilak Vihar) इलाके में बनी 1984 सिख दंगा पीड़ित विधवा कॉलोनी का नाम बदलने का ऐलान किया है। पीड़ित परिवारों से नाम के सुझाव मांगे गए हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi LG) वीके सक्सेना (VK Saxena) ने 1984 सिख विरोधी दंगों (1984 Anti Sikh Riots) का दंश झेल रहे पीड़ित परिवारों के 47 सदस्यों को भर्ती योग्यता में छूट देने के बाद आज गुरुवार को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र सौंपे पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर (Tilak Nagar) स्थित 1984 सिख विरोधी दंगा पीड़ित परिवारों की कॉलोनी के सी ब्लॉक तिलक विहार पार्क में 47 पीड़ितों को सरकारी नौकरी का ज्वाइनिंग लेटर मिला। इस मौके पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने संबंधित विभाग को 437 अन्य आवेदनों के सत्यापन को जल्द से जल्द पूरा कर उन्हें नियुक्ति प्रस्ताव पत्र देने का आदेश दिया।
‘विधवा कॉलोनी’ का नाम बदलने का भी ऐलान
वहीं इस दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने तिलक विहार की ‘विधवा कॉलोनी’ का नाम बदलने का भी ऐलान किया। एलजी ने कहा-
बीते दिनों 1984 सिख दंगों के मृतकों की बरसी के मौके पर दिल्ली के उपराज्यपाल ने दंगा पीड़ितों को राहत देने के लिए बड़ा ऐलान किया था। दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi LG) वीके सक्सेना (VK Saxena) ने 1984 सिख दंगों (1984 Sikh Riots) के पीड़ितों को मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS) के पद पर भर्ती के लिए योग्यता में छूट देने को मंजूरी दी थी।
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