जलवायु आपदाएँ, जनसांख्यिकी में परिवर्तन और टैक्नॉलॉजी तक पहुँच में असमानताएँ, ये तीन ऐसे रुझान हैं जोकि 2050 तक बच्चों के जीवन में नाटकीय बदलावों व चुनौतियों की वजह बन सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने अपनी एक नई रिपोर्ट में यह निष्कर्ष साझा किया है.