Sanjauli Mosque Dispute: हिमाचल प्रदेश में अवैध मस्जिद को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं रहा है। हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने गुरुवार को विधानसभा के पास चौड़ा मैदान में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया और संजौली में अवैध मस्जिद को गिराने की मांग की। स्थानीय लोग मस्जिद के नाम पर हुए अवैध निर्माण को लेकर नाराज हैं। अब रिपब्लिक भारत से बात करते हुए स्थानीय महिलाओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
रिपब्लिक भारत से बात करते हुए मस्जिद के पास रहने वाली हिन्दू महिलाओं ने बताया कि हर रोज 5 वक्त की नमाज पढ़ने के लिए करीब 400 से 500 मुस्लिम लोग आते है। महिलाओं ने आरोप लगाया कि नमाज के लिए आए लोग गंदे कमेंट करते हैं। जब हम इसका विरोध करते हैं, तो कहते है कि ये वक्फ बोर्ड की जमीन है। वक्फ बोर्ड जिस पर हाथ रख देगी, वो प्रॉपर्टी उसकी हो जायेगी। महिलाओं ने ये भी कहा कि वजू के लिए बनाए गए वॉशरूम का गेट भी खोलकर रखते है और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
मस्जिद की तीन मंजिल अवैध
यह अवैध मस्जिद संजौली में है, जो शिमला के पास पड़ता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मस्जिद की इमारत में अवैध निर्माण हुआ है। यहां सिर्फ एक मंजिल को बनाने की अनुमति थी, लेकिन अवैध रूप से तीन मंजिलों को बनाया गया। आरोप है कि कोरोना काल में भी अवैध निर्माण जारी रहा। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। इस अवैध निर्माण का मामला कोर्ट में भी चल रहा है।
स्थानीय लोगों ने हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में बाहरी लोगों के आने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने सरकार से ऐसे लोगों की पहचान सत्यापित करने और उनके कारोबार को पंजीकृत करने की मांग की है। खुद सुक्खू सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने हिमाचल विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया है। अनिरुद्ध सिंह ने सार्वजनिक रूप ने ना केवल अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की मांग की, बल्कि सूबे में रोहिंग्या-बांग्लादेशियों के घुसपैठ का मामला भी उठाया है।
सरकार ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार कहा कि राज्य के सभी निवासियों के समान अधिकार हैं और वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। शांतिपूर्ण विरोध से कोई दिक्कत नहीं, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’ ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है और मामला पिछले 14 साल से न्यायालय में विचाराधीन है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि किसी भी अतिक्रमणकारी के खिलाफ कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और जो भी कार्रवाई की जाएगी, वह कानून के मापदंडों के तहत होगी, चाहे वह नगर निगम द्वारा की जाए या पुलिस द्वारा।
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