New Delhi: आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार मंगलवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए। उन्हें अलग-अलग मामलों में उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को जमानत दी थी।
दिल्ली आबकारी नीति मामले में 22 महीने से तिहाड़ में बंद नायर शाम करीब छह बजे जेल से बाहर निकले। जेल के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वह तिहाड़ कारावास परिसर की जेल संख्या में चार में थे।
18 मई को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था
राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर हमले के मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे बिभव कुमार जमानत मिलने के बाद मंगलवार को जेल संख्या पांच से अपराह्न दो बजे बाहर आए। उनके परिजनों ने जेल के बाहर उनकी अगवानी की।
उच्चतम न्यायालय ने कुमार को सोमवार को जमानत दी थी और कहा था कि वह 100 दिन से अधिक समय से हिरासत में हैं।
कुमार ने 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर कथित रूप से मालीवाल पर हमला किया था। कुमार को 18 मई को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता के अनेक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
केजरीवाल की जमानत याचिका पर पांच सितंबर को सुनवाई
आप के नेताओं ने सोमवार को नायर को जमानत दिए जाने के फैसले को ‘सत्य की जीत’ करार दिया था। आबकारी नीति मामले में ही गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब भी तिहाड़ जेल में हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।
उच्चतम न्यायालय केजरीवाल की जमानत याचिका पर पांच सितंबर को सुनवाई करेगा।
आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को भी आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह उच्चतम न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद जेल से बाहर आए थे।
नायर और कुमार के जेल से बाहर आते समय आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उस तरह जश्न नहीं मनाया जिस तरह वे सिसोदिया और इससे पहले सिंह को रिहा किये जाते समय जेल के बाहर जमा हो गए थे।
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