दिल्ली सरकार जल्द ही अंतरराज्यीय टर्मिनल पर बसों के लिए नयी दरें और मानदंड अधिसूचित करेगी। राज निवास के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने 31 अगस्त को कश्मीरी गेट स्थित महाराणा प्रताप आईएसबीटी का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भाग लिया।
परिवहन विभाग प्रतिष्ठित टर्मिनल का उपयोग करने वाली अंतर्राज्यीय बसों के लिए नयी दरें और मानदंड अधिसूचित करने के लिए तैयार है।
दिल्ली में तीन अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) हैं, जिनमें कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां संचालित हैं।
राज निवास के एक अधिकारी ने कहा, ‘इस बात पर जोर देते हुए कि सुविधाओं का अधिकतम उपयोग हासिल करने के लिए दक्षता और समानता दो सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं, उपराज्यपाल ने सरकारी और निजी बसों के लिए समान पार्किंग दरों और पार्किंग समय को समान रूप से कम करने का सुझाव दिया।’
सक्सेना ने यह भी निर्देश दिया कि केवल ‘फास्टैग’ लगी बसों को ही टर्मिनल में प्रवेश की अनुमति दी जाए, ताकि ठीक से निगरानी सुनिश्चित हो सके।
अधिकारी ने बताया कि बसों का कम उपयोग होने का कारण सरकारी और निजी बसों के बीच दरों में अंतर, पार्किंग स्थलों का खराब प्रबंधन, कर्मचारियों द्वारा टर्मिनल को आराम करने की जगह के रूप में उपयोग करना तथा लंबी यात्रा अवधि के कारण यातायात में अनियमितता जैसी प्रणालीगत समस्याएं हैं, जिसके कारण बाहर यातायात जाम हो जाता है।
उन्होंने कहा कि नयी योजना के अनुसार निजी और सरकारी अंतरराज्यीय बसें समान पार्किंग शुल्क का भुगतान करेंगी और आईएसबीटी पर बस अड्डों का उपयोग करेंगी।
उन्होंने कहा कि अभी तक निजी बसों से अधिक किराया लिया जाता है। इससे ऐसी स्थिति पैदा होती है कि बसों को आईएसबीटी परिसरों के बाहर सड़कों पर खड़ा कर दिया जाता है जिससे भारी यातायात जाम होता है और सरकारी बसों को यात्रियों/राजस्व का नुकसान होता है।
‘टर्नअराउंड’ समय को कम करने के लिए समय के आधार पर अलग-अलग पार्किंग या उपयोग शुल्क की प्रणाली भी अधिसूचित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि बसों को तय दर पर 25 मिनट का ‘पार्किंग टाइम स्लॉट’ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके बाद हर पांच मिनट के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बिना ‘फास्टैग’ वाली बसों को टर्मिनल के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आईएसबीटी परिसर के बाहर एक सुविधा प्रदान की जाएगी, जहां बिना ‘फास्टैग’ वाली बसें प्रवेश करने से पहले ‘फास्टैग’ खरीद सकती हैं।