अजमेर में रेलवे ट्रैक पर सीमेंट के ब्लॉक रखकर मालगाड़ी को डीरेल करने की कोशिश। कानपुर में पटरी पर सिलेंडर रख कालिंदी एक्सप्रेस को बेपटरी करने की साजिश। गोंडा में ट्रेन पर पथराव और पटरी पर लोहे की रॉड। पिछले कुछ दिनों लगतार ऐसी घटनाएं बड़े साजिश की तरफ इशारा कर रही हैं। रेल मंत्रालय भी आतंकी एंगल की जांच कर रही है। हालांकि इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
अब सवाल उठ रहा है कि आखिर कौन है जो भारतीय रेलवे को दहलाना चाह रहा है? कौन है जो भारत में ‘गोधरा पार्ट-2’ रचने की फिराक में है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि बीते सप्ताह में रेल को पटरी से उतारने की 3 बार कोशिश और 2 बार पथराव आपराधिक मंशा की ओर इशारा कर रहे हैं। अधिकारियों ने इस बात पर भी जोर दिया है कि इस तरह की घटनाएं बड़ी चिंता बन गईं हैं।
साजिश की पहली घटना नहीं
रेलवे की पटरियों पर इस तरह की साजिश की यह पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ महीने में देश के अलग-अलग हिस्सों में पटरियों से ट्रेन की उतरने की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं में रेल परिचालन को बाधित करने के इरादे से पटरी पर जानबूझकर भारी वस्तु को रखा जा रहा है। पिछले महीने अहमदाबाद जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के 20 डिब्बे 17 अगस्त को झांसी रेल मंडल के कानपुर और भीमसेन जंक्शन के बीच पटरी से उतर गए थे।
यह दुर्घटना भी कुछ असामाजिक तत्वों की तरफ से कथित तौर पर पटरियों पर रखी गई भारी वस्तु से टकराने के बाद हुई थी। ड्राइवर ने बताया कि ट्रेन के इंजन से कोई बड़ा पत्थर टकराया, जिससे इसके अगले हिस्से में जानवरों से बचाव के लिए लगा ‘कैटल गार्ड’ बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर मुड़ गया।
क्या रेल को डिरेल करने के पीछे है आतंकी साजिश?
कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। ट्रैक पर रखे गैस सिलेंडर से ट्रेन टकरा गई। लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। ट्रैक के पास एक बोतल में पेट्रोल और एक बैग में सफेद पाउडर भी मिला।
यूपी एटीएस आतंकवादी साजिश के एंगल पर जांच कर रही है। एटीएस की टीम घटना के बाद सोमवार सुबह ही कानपुर पहुंची। उस ट्रैक का भी मुआयना किया, जहां गैस सिलेंडर और बोतल में पेट्रोल मिला। उसी जगह पर कन्नौज के ‘सियाराम मिठाई वाला’ का बैग भी मिला। इससे सफेद पाउडर बरामद हुआ है। फॉरेंसिक टीम इस पाउडर की जांच कर रही है।
खुरासन मॉड्यूल होने का शक
जांच से पता चलता है कि ट्रेन को पलटने की साजिश रचने वाला व्यक्ति ‘स्व-कट्टरपंथी’ व्यक्ति था, जिसके ISIS के खुरासान मॉड्यूल से संबंध हो सकते हैं। इस मॉड्यूल से जुड़े आतंकियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए ‘जिहादी’ बनाया जाता है, यानी सोशल मीडिया के जरिए उनका ब्रेनवॉश किया जाता है। उन्हें सोशल मीडिया पर बम बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है। कानपुर में रेलवे ट्रैक से बरामद की गई सामग्री से संदेह है कि आरोपी खुद कट्टरपंथी हो सकता है।
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