न्यायालय ने लगाई थरूर के खिलाफ कार्यवाही पर रोक, जानें क्या था मामला

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उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए ‘‘शिवलिंग पर बिच्छू’’ संबंधी कथित टिप्पणी करने के लिए उनके खिलाफ दर्ज मानहानि के मुकदमे में एक निचली अदालत में कार्यवाही पर मंगलवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति आर माधवन की पीठ ने मामले में दिल्ली सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया तथा नोटिस पर चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा।

शिकायत को भी रद्द करने का अनुरोध…

थरूर ने उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही निरस्त करने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ 29 अगस्त को शीर्ष न्यायालय का रुख किया था। थरूर ने निचली अदालत के 27 अप्रैल, 2019 के आदेश को निरस्त किए जाने का अनुरोध किया था। निचली अदालत ने थरूर को राजीव बब्बर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत पर आरोपी के रूप में तलब किया था। उन्होंने दो नवंबर, 2018 को दायर की गई शिकायत को भी रद्द करने का अनुरोध किया था।

बब्बर ने थरूर के खिलाफ निचली अदालत में आपराधिक शिकायत दायर की थी और दावा किया था कि कांग्रेस नेता के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। अक्टूबर 2018 में, थरूर ने दावा किया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक अनाम नेता ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना ‘‘शिवलिंग पर बैठे बिच्छू’’ से की थी।

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