भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक ने 156 साल पुराने रावेनशॉ विश्वविद्यालय का नाम बदलने के एक प्रस्ताव पर ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना करते हुए दावा किया कि बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष उड़िया ‘अस्मिता’ नहीं समझते हैं।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक जयनारायण मिश्रा ने आरोप लगाया कि बीजद नेता ओडिशा के इतिहास को ‘‘तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास’’ कर रहे थे और राज्य के लोगों ने ‘‘चुनावों में उन्हें मुंहतोड़ जवाब’’ दिया।मिश्रा की इस टिप्पणी से पहले पटनायक ने कटक में रावेनशॉ विश्वविद्यालय का नाम बदलने के प्रस्ताव को लेकर विवाद के संदर्भ में कहा था कि कुछ लोग इतिहास ‘‘तोड़ने-मरोड़ने’’ का प्रयास कर रहे हैं।
पटनायक के सोशल मीडिया पोस्ट पर जवाब देते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक ने मंगलवार को कहा, ‘‘ओडिशा के लोगों को समझ आ गया है कि आपने पिछले 25 वर्ष में उड़िया अस्मिता के लिए क्या किया और इसलिए, उन्होंने आपके नेतृत्व वाली सरकार को नकार दिया…पूर्ववर्ती सरकार ने पुरी मठ, प्राचीन मंदिर और रघुनंदन पुस्तकालय जैसे स्मारक ढहा दिए।’’
उन्होंने यह भी दावा किया, ‘‘आपकी पार्टी (बीजद) के नेता ओडिशा के इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास करते रहे हैं। इसलिए ओडिशा के लोगों ने उन्हें करारा जवाब दिया…बीजद अध्यक्ष उड़िया अस्मिता नहीं समझते हैं।’’भाजपा विधायक ने कहा कि डबल-इंजन की सरकार ‘‘इतिहास को ठीक करने के लिए प्रतिबद्ध’’ है। दरअसल केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्वविद्यालय का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को लेकर विधानसभा में भाजपा और बीजद दोनों के बीच तीखी बहस हुई है।
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