Delhi Liquor Scam: अरविंद केजरीवाल को जमानत या जेल, आज फैसले का दिन; जानिए उन पर क्या हैं आरोप

supreme court judgement on kejriwal bail on today 1726199988132 16 9 Dnn1Ak

Delhi Liquor Scam: 156 दिन से तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए आज का दिन सबसे अहम है। तथाकथित शराब घोटाला केस में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल की जमानत पर फैसला आने वाला है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुईयां की बेंच ने केजरीवाल की जमानत पर फैसला देगी।

तथाकथित शराब घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में केजरीवाल जेल काट रहे हैं, क्योंकि ईडी के मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिली चुकी थी। सीबीआई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसमें केजरीवाल ने अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति के संबंध में गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के 5 अगस्त के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा गया था और उनकी जमानत याचिका पर विचार करने से भी इनकार कर दिया था।

21 मार्च को हुई केजरीवाल की गिरफ्तारी

21 मार्च को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई थी। उस समय ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। बाद में 26 जून को केजरीवाल को सीबीआई ने तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, क्योंकि ईडी के मामले में केजरीवाल को न्यायिक हिरासत पर तिहाड़ जेल भेजा गयाथा।

केजरीवाल पर CBI के आरोप

सीबीआई के आरोपपत्र के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल दिल्ली की आबकारी नीति के निर्माण और उसके क्रियान्वयन से जुड़ी आपराधिक साजिश में शुरुआत से ही शामिल थे। सीबीआई ने आरोप लगाए थे कि केजरीवाल के मन में पहले से ही आबकारी नीति के संबंध में निजीकरण का विचार था। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया था।

सीबीआई के मुताबिक, जब मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में नीति तैयार की जा रही थी, तब केजरीवाल ने मार्च 2021 में अपनी पार्टी के लिए आर्थिक मदद की मांग की थी। सिसोदिया इस मामले में सह-आरोपी हैं। सीबीआई के मुताबिक,  विजय नायर ने केजरीवाल के लिए ‘साउथ ग्रुप’ के आरोपियों से संपर्क करने के माध्यम के रूप में काम किया और अनुकूल आबकारी नीति के बदले उनसे 100 करोड़ रुपये लिए। मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल की मनचाही आबकारी नीति को लागू करने और मंजूरी देने में भूमिका थी।

यह भी पढ़ें: अखिलेश पर भड़के ओपी राजभर, कहा- ‘मुसलमान मारा जाता है तो जुबान नहीं…’