केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने खुद को तकनीकी सहायक बताकर एक अमेरिकी नागरिक से 4.5 लाख अमेरिकी डॉलर की ठगी करने के आरोपी साइबर अपराधी को मंबई से गिरफ्तार किया है। आधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी जांच एजेंसी ‘फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन’ (एफबीआई) के साथ समन्वय में साइबर अपराधियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन चक्र-3’ चलाया जा रहा है और इसी के तहत सीबीआई ने एक जटिल वर्चुअल संपत्ति और सोना-चांदी आधारित साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, जो 2022 से दूसरे देशों में लोगों को निशाना बना रहा था।
अधिकारियों के मुताबिक, गत दो दिनों में सात जगहों पर ली गई तलाशी के दौरान सीबीआई ने मुंबई से ठगी कर रहे कथित साइबर अपराधी विष्णु राठी के परिसरों से 100-100 ग्राम के 57 सोने के बिस्कुट, 16 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन, क्रिप्टो करेंसी के प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाला लैपटॉप, लॉकर के विवरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की।
सोने-चांदी में बदल रहा था ठगी का पैसा
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी को ऐसी सामग्री मिली है, जिससे पता चलता है कि यह अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क अपराध से की गई कमाई को वर्चुअल परिसंपत्तियों और सोने-चांदी में तब्दील कर रहा था। अधिकारियों के अनुसार, सीबीआई ने नौ सितंबर को राठी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने जून और अगस्त 2022 के बीच पीड़ित के कंप्यूटर और बैंक खाते तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त करके एक अमेरिकी नागरिक को निशाना बनाने की साजिश रची।
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में बताया, ‘‘यह भी आरोप है कि तकनीकी सहायता सेवाओं की पेशकश के बहाने आरोपियों ने अमेरिका में रहने वाली पीड़िता को गलत जानकारी दी कि उसके बैंक खाते से छेड़छाड़ की गई है। यह दावा करते हुए कि खाते में मौजूद धन जोखिम में है, उन्होंने कथित तौर पर पीड़िता से अपने क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में 4,53,953 अमेरिकी डॉलर का अंतरण करा लिया।’’
इंटरपोल की मदद से चल रहा ऑपरेशन
प्रवक्ता ने बताया कि सीबीआई सुरागों पर कार्रवाई के लिए इंटरपोल के माध्यम से एफबीआई और कई देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई ने ‘ऑपरेशन चक्र-3’ की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य इंटरपोल के संपर्क का लाभ उठाते हुए वैश्विक रूप से समन्वित कानून प्रवर्तन प्रतिक्रिया के तहत संगठित वित्तीय साइबर अपराध नेटवर्क का मुकाबला करना और उसे नष्ट करना है।’’
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