सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों ने एक साथ चुनाव कराने की उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को सरकार द्वारा स्वीकार कर लिए जाने का बुधवार को स्वागत किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं ने इस फैसले की सराहना करते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने का एक और उदाहरण बताया।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।
सरकार के इस कार्यकाल के दौरान अपने महत्वाकांक्षी मुद्दों में से एक पर औपचारिक रूप से राजग के आगे बढ़ने के बाद अब सभी की नजर इस बात पर होगी कि विपक्षी दलों के कड़े विरोध के सामने यह प्रस्ताव कितनी प्रगति करता है। विपक्षी दलों के पास किसी भी संविधान संशोधन विधेयक को रोकने के लिए संसद में पर्याप्त संख्या बल है।
सरकार को संविधान संशोधन विधेयक को संसद की लेनी होगी मंजूरी
लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए सरकार को संविधान संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी लेनी होगी। वैष्णव ने कहा कि सरकार विवादास्पद मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए काम करेगी।
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को सुचारू बनाना और बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करना है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘राज्यों में अलग-अलग समय पर चुनाव कराने की वर्तमान प्रणाली विकास के प्रयासों को बाधित करती है और राष्ट्रीय खजाने पर बोझ डालती है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को अपनाने से चुनाव से संबंधित खर्चों और सरकार पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।’’
नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत बड़े सुधार कर रहा है- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत बड़े सुधार कर रहा है, जो कि पहले कभी नहीं हुआ।
एक साथ चुनाव कराए जाने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का अटूट संकल्प इस प्रगतिशील निर्णय में परिलक्षित होता है।”
भाजपा के सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जनता दल (एस) और शिव सेना ने मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत किया।
लोजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि यह देशहित में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक साथ चुनाव के पक्षधर – संजय झा
जनता दल (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि उनकी पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक साथ चुनाव के पक्षधर रहे हैं।
उन्होंने इसे जल्द से जल्द लागू करने की आवश्यकता जताई। साथ ही उन्होंने इससे पंचायत चुनावों को अलग रखने की भी वकालत की।
जद (यू) प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से देश को बार-बार होने वाले चुनावों से छुटकारा मिलेगा, सरकारी खजाने का बोझ कम होगा और नीतियों में निरंतरता जारी रहेगी।
जद (एस) नेता और केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि भारत की चुनाव प्रणाली में सुधार की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है।
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों के भीतर ही अपने चुनावी वादे पूरे किए हैं।
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि यह देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए परिवर्तनकारी है और यह सुनिश्चित करता है कि बार-बार चुनाव कराने की मांग के साथ शासन से समझौता नहीं हो।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय लेने की गुणवत्ता को बढ़ाएगा और बहुत जरूरी राजनीतिक स्थिरता प्रदान करेगा।
खरगे को राजनीतिक विद्वेष छोड़कर इस प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए- गिरिराज सिंह
भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि साथ चुनाव कराने से सुनिश्चित होगा कि विकास कार्यक्रम निर्बाध रूप से संपन्न हों।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को राजनीतिक विद्वेष छोड़कर इस प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह देश को आगे ले जाने में बहुत मददगार होगा।’’
सिंह ने कहा कि कांग्रेस के समय में 1951 से 1967 तक एक साथ चुनाव हुए थे और उस समय पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसकी शुरुआत की थी और उनके निधन के बाद भी यह जारी रहा।
उन्होंने पूछा, ‘‘क्या खरगे जी नेहरू जी को गलत साबित करेंगे?’’
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मोदी का एक पुराना वीडियो साझा किया, जिसमें वह इस अवधारणा की वकालत कर रहे हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘जो कहा सो किया।’’
समृद्ध लोकतंत्र सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित होगा फैसला- सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह निर्णय देश में राजनीतिक स्थिरता, सतत विकास और समृद्ध लोकतंत्र सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित होगा।
तेलुगू देशम पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सहित भाजपा के सभी सहयोगियों ने सैद्धांतिक रूप से इस अवधारणा का समर्थन किया है। यह मुद्दा हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषणापत्र में भी शामिल था।
‘एक देश, एक चुनाव’ की तरह समान नागरिक संहिता (यूसीसी) भी भाजपा का एक और प्रमुख मुद्दा है, जो उसके घोषणापत्र का भी हिस्सा रहा है। लेकिन, एक साथ चुनावों के विपरीत, यूसीसी के मुद्दे पर भाजपा को अपने सहयोगियों से भी प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।
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