किडनी शरीर में मौजूद जरूरी अंगों में से एक है। इसका प्रमुख काम शरीर में खून और पेशाब को फिल्टर करना और शरीर में मौजूद गंदगी या विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना है। साथ ही किडनी हड्डियों को हेल्दी रखने, रेड ब्लड सेल्स को बनाने और ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में भी मदद करता है। किडनी स्टोन की समस्या का शुरुआत में इलाज कराना बहुत जरूरी माना जाता है। अगर आपको भी किडनी स्टोन के लक्षण दिखाई देते हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लें।
किडनी स्टोन क्या हैं ?
किडनी स्टोन एक आम समस्या हैं जो की अधिकतर व्यक्तियों में देखने को मिलती हैं। किडनी स्टोन की बीमारी बाहर के खाने से होती हैं क्योकि बाहर का खाना शरीर के लिए हानिकारक होता हैं। किडनी स्टोन की समस्या अधिक दर्दनाक होती हैं, किडनी स्टोन को गुर्दे की पथरी भी कहते हैं, यह मिनरल्स और नमक से बनी एक ठोस जमावट होती है जो की कई इंच तक बड़ी हो सकती है।
किडनी स्टोन के लक्षण क्या नज़र आते हैं ?
अगर किडनी स्टोन आकार में छोटा होता है तो दर्द का अनुभव नहीं होता है और कई बार ये पेशाब के साथ शरीर से अपने आप बाहर निकल जाती हैं तथा किडनी स्टोन के लक्षण कुछ इस प्रकार नज़र आते हैं जैसे की –
पीठ की तरफ और पसलियों के ठीक नीचे तेज दर्द
पेट के निचले हिस्से और ग्रोइन एरिया में तेज दर्द
दर्द लहरों की तरह आता महसूस होता है जो बीच-बीच में बहुत तेज हो जाता है।
पेशाब करते समय जलन महसूस होना
लाल, भूरा या गुलाबी मूत्र
उल्टी
जी मिचलाना
बिना रंग का मूत्र
दुर्गंधयुक्त पेशाब
बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
बुखार और ठंड लगना
कम मात्रा में पेशाब आना
किडनी स्टोन के कारण क्या होते हैं ?
किडनी स्टोन के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं जैसे की –
आनुवांशिक या पारिवारिक इतिहास।
कम मात्रा में पानी पीना।
यूरीन में केमिकल की अधिकता
शरीर में मिनरल्स की कमी
डिहाइड्रेशन
विटामिन डी की अधिकता
कैल्शियम युक्त दवाओं का सेवन करना
जंक फूड का अधिक मात्रा में सेवन
सिस्टिक फाइब्रोसिस, रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस और इंफ्लेमेट्री बाउल जैसी अंतर्निहित बीमारियां
ऐसी महिलाएं जिनमें एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी है।
जिन महिलाओं की ओवरी निकल चुकी हो उन्हें भी किडनी स्टोन होने का खतरा रहता हैं।
किडनी स्टोन का इलाज कैसे होता हैं ?
किडनी स्टोन का पता लगाने के लिए डॉक्टर कई अलग-अलग प्रकार से जाँच करते हैं। किडनी स्टोन की जांच के लिए ब्लड टेस्ट के जरिए शरीर में कैल्शियम की जांच होती है। इसके अलावा यूरिक एसिड टेस्ट की सहायता से भी इसका पता लगाया जाता है। गंभीर मामलों में डॉक्टर इमेजिंग टेस्ट की सहायता से किडनी स्टोन की जांच करते हैं। ये इमेजिंग टेस्ट पेट का एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, नॉन-इन्वेसिव टेस्ट और इन्ट्रावीनस यूरोग्राफी आदि हैं। जांच के बाद मरीज को दर्द कम करने के लिए और संक्रमण के इलाज के लिए दवाएं दी जाती हैं। जब किडनी स्टोन का साइज ज्यादा होता हैं, तो डॉक्टर सर्जरी भी करते हैं।
किडनी स्टोन की समस्या में क्या खाना चाहिए ?
किडनी स्टोन की समस्या में डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों के साथ-साथ कुछ अन्य पदार्थो का सेवन करना भी अधिक फायदेमंद होता हैं जैसे की-
तुलसी की पत्तियों में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो यूरिक एसिड के लेवल को स्थिर करने में सक्षम होते हैं। इसके कारण किडनी में स्टोन नहीं बन पाते। तुलसी की पत्तियों में ऐसिटिक एसिड पाया जाता है। इससे स्टोन को पिघलाने में मदद मिलती है। तुलसी के पानी का सेवन कर सकते हैं या रोजाना 4 से 5 तुलसी की पत्तियां खाएं।
किडनी में पथरी है, तो प्रोटीन की ज्यादा मात्रा लेने से बचना चाहिए। प्रोटीन का ज्यादा सेवन करने से किडनी ज्यादा कैल्शियम बाहर निकालती है, इससे किडनी में पथरी की समस्या बढ़ सकती है।
किडनी स्टोन के दौरान आपको अनाज और फलियों का सेवन करना चाहिए। किडनी स्टोन के बनने की प्रक्रिया को रोकने के लिए ये फायदेमंद होता है। इसके साथ ही आपको मटर, मूंगफली, बादाम, अखरोट, पिस्ता, सूखे मेवे और सोया मिल्क आदि का सेवन करना चाहिए।
वैसे तो गन्ने के रस के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक गन्ने का रस किडनी स्टोन की समस्या में सहायक साबित हो सकता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि किडनी स्टोन आहार में गन्ने के रस को भी शामिल किया जा सकता है।
साइट्रस फल में पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकने के गुण पाए जाते हैं। नींबू एक साइट्रस फल है, इसलिए, यह कहा जा सकता है कि नींबू का सेवन कर पथरी बनने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
किडनी स्टोन की समस्या में क्या नहीं खाना चाहिए ?
किडनी स्टोन की समस्या में कुछ चीज़े ऐसी होती हैं जिनका सेवन करना अधिक हानिकारक होता हैं जैसे की –
नमक का अधिक सेवन न करे क्योकि किडनी स्टोन की परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है, नमक पेशाब में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है, जिससे पथरी बनने का जोखिम बढ़ जाता है।
मछली, मांस और अंडे जैसे मांसाहारी भोजन में ज्यादा मात्रा में प्रोटीन होता है, जो किडनी स्टोन के मरीजों के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं रहता हैं।
टमाटर में ऑक्सालेट की मात्रा ज्यादा होती है, यही वजह है कि किडनी स्टोन के मरीजों को टमाटर का सेवन करने से बचना चाहिए।
पथरी के मरीजों को चाय से भी दूरी बना लेनी चाहिए क्योकि चाय पथरी के साइज को बढ़ा सकती हैं।
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