Uttar Pradesh News: मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार के नेमप्लेट वाले नियम का जबरदस्त विरोध किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों होटल-ढाबे समेत खाने पीने की चीजें बेचने वालों के लिए पहचान बताने वाले बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर बहुजन समाज पाप्टी की मुखिया मायावती ने कहा कि ये सब खाद्य सुरक्षा के लिए कम और जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ 3 पोस्ट किए और नेमप्लेट वाले योगी सरकार के फैसले का विरोध किया। मायावती ने सवाल उठाते हुए ‘X’ पर लिखा- ‘वैसे तो खासकर खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि को लेकर पहले से ही काफी सख्त कानून मौजूद हैं, फिर भी सरकारी लापरवाही/मिलीभगत से मिलावट का बाजार हर तरफ गर्म है। अब दुकानों पर लोगों के नाम जबरदस्ती लिखवा देने आदि से क्या मिलावट का कालाधंधा खत्म हो जाएगा?’
घृणित खिलवाड़ का असली दोषी कौन- मायावती
एक अन्य पोस्ट में मायावती ने लिखा- ‘वैसे भी तिरुपति मंदिर में प्रसादम के लड्डू में चर्बी की मिलावट की खबरों ने देशभर में लोगों को काफी दुखी और उद्वेलित कर रखा है और जिसको लेकर भी राजनीति जारी है। धर्म की आड़ में राजनीति के बाद अब लोगों की आस्था से ऐसे घृणित खिलवाड़ का असली दोषी कौन? ये चिंतन जरूरी।’
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के नियम क्या?
उत्तर प्रदेश में खान-पान केंद्रों पर संचालक, प्रौपराइटर, मैनेजर का नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य किया गया है। पूरे रेस्टोरेंट में CCTV लगाने होंगे। कर्मचारियों को मास्क-ग्लव्ज पहनना जरूरी होगा। उत्तर प्रदेश में खाने-पाने की चीजों में पेशाब मिलाने और थूकने जैसी हालिया घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य विभाग के अधिकारियों संग बातचीत की। उसके बाद राज्य सरकार ने होटल-ढाबों पर दुकान के असली मालिक का नेमप्लेट लगाने का निर्देश जारी किया। आदेश के मुताबिक, खाने पीने की चीजें बेचने वालों को नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा। पूरे रेस्टोरेंट में CCTV लगाने होंगे। कर्मचारियों को मास्क-ग्लव्स पहनना जरूरी होगा। विवाद के बीच राज्य सरकार के आदेश का पालन भी कई जगह होने लगा है।
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