दवाओं को बेअसर कर देने वाले रोगाणुरोधी प्रतिरोध, सीमाओं से परे हैं, कोई भी देश अपने दम पर उनका मुक़ाबला नहीं कर सकता है, और इस ख़तरे से निपटना एक नैतिक अनिवार्यता है. एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की बढ़ती चुनौती के मद्देनज़र, गुरूवार को यूएन महासभा प्रमुख द्वारा आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में इसी संकल्प के साथ एक राजनैतिक घोषणापत्र को पारित किया गया, जोकि इस स्वास्थ्य संकट के विरुद्ध लड़ाई में ठोस कार्रवाई पर केन्द्रित है.