नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मानहानि के एक मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।
दोनों नेताओं ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें मतदाता सूची से कुछ समुदायों के 30 लाख मतदाताओं के नाम कथित तौर पर हटाए जाने के बारे में उनकी टिप्पणियों को लेकर मानहानि का मामला रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राजीव बब्बर की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर की दलीलों पर गौर किया कि रिपोर्ट में उनके ‘कैविएट’ का उल्लेख नहीं किया गया है और वे जवाब दाखिल नहीं कर सकीं, क्योंकि याचिका बृहस्पतिवार देर शाम को सौंपी गई।
पीठ ने मामले में सुनवाई के लिए सोमवार का दिन तय किया। आतिशी और केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि वह इस मामले पर 30 सितंबर को बहस कर सकते हैं।
आतिशी और केजरीवाल दोनों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के दो सितंबर के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उच्च न्यायालय ने मतदाताओं के नाम कथित रूप से हटाए जाने के बारे में उनकी टिप्पणियों पर, उनके और अन्य आप नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को रद्द करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि आरोप प्रथम दृष्टया भाजपा की छवि को प्रभावित करने वाले हैं।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि ये आरोप प्रथम दृष्टया ‘‘अपमानजनक’’ थे जिनके पीछे की मंशा भाजपा को बदनाम करना और अनुचित राजनीतिक लाभ प्राप्त करना थी।
अदालत ने निचली अदालत के समक्ष लंबित मानहानि की कार्यवाही को चुनौती देने वाली आतिशी, केजरीवाल एवं आप के अन्य दो नेताओं – पूर्व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार गुप्ता और पार्टी नेता मनोज कुमार की याचिका को खारिज कर दिया था।