राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को ओडिशा में संबलपुर जिले के भतरा स्थित गांधी मंदिर में सैकड़ों लोगों ने पूजा-अर्चना की। यह संभवतः देश में महात्मा गांधी को समर्पित कुछ मंदिरों में से सबसे पुराना है।
मंदिर के मुख्य पुजारी और समिति के अध्यक्ष राधाकांत बाग ने बताया कि मंदिर में राष्ट्रपिता की कांस्य प्रतिमा की प्रतिदिन दो बार पूजा की जाती है और पुजारी गीता और राम धुन का पाठ करते हैं। गांधी जयंती के अवसर पर संबलपुर के जिलाधिकारी बलिराम बोंडार ने भी मंदिर में श्रद्धांजलि अर्पित की, जबकि कई आगंतुकों ने स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया। विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने भी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
संबलपुर नगर निगम क्षेत्र के भतरा में मंदिर का निर्माण 1974 में रायराखोल के पूर्व विधायक दिवंगत अभिमन्यु कुमार के नेतृत्व में लोगों द्वारा किया गया था। अभिमन्यु कुमार ने 1934 में संबलपुर में एक बैठक में भाग लिया था जिसे महात्मा गांधी ने संबोधित किया था।
अभिमन्यु कुमार महात्मा गांधी से प्रेरित थे और बाद में उन्होंने और अन्य स्थानीय लोगों ने राष्ट्रपिता को समर्पित एक मंदिर बनाने का निर्णय लिया। इस मंदिर की आधारशिला 23 मार्च 1971 को रखी गई और मंदिर तीन वर्षों के भीतर बनकर तैयार हो गया तथा 11 अप्रैल 1974 को इसका उद्घाटन किया गया।
इतिहासकार दीपक कुमार पांडा ने बताया कि महात्मा गांधी ने 22 दिसंबर 1928 और पांच मई 1934 को दो बार संबलपुर का दौरा किया था। दोनों अवसरों पर उन्होंने ब्रह्मपुरा मंदिर घाट के पास महानदी के तट पर जनसभाओं को संबोधित किया था।