दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने पेंशन अधिभार मामले को लेकर बिजली कंपनियों के विशेष ऑडिट का आदेश दिया है। बुधवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के अनुमोदन वाले लेखा परीक्षक विशेष ऑडिट का काम देखेंगे। इस कदम का उद्देश्य दिल्ली विद्युत बोर्ड (डीवीबी) की पेंशन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
बिजली वितरण कंपनियां उपभोक्ताओं से उनके मासिक बिल में सात प्रतिशत पेंशन अधिभार वसूलती है। अधिभार की गणना बिल के निश्चित और ऊर्जा लागत हिस्से की राशि के प्रतिशत के रूप में की जाती है। आतिशी ने कहा कि पेंशनभोगियों के कल्याण के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है। डीवीबी पेंशनभोगियों का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऑडिट से पेंशन लाभ के वित्तपोषण और वितरण में जवाबदेही और स्पष्टता आने की उम्मीद है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि पेंशनभोगियों को वह समर्थन मिले जिसके वे हकदार हैं।
बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) को डीवीबी के 20,000 से अधिक पेंशनभोगियों के पेंशन लाभ की सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में सभी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का विशेष ऑडिट करने का निर्देश दिया है।
इस ऑडिट का मुख्य उद्देश्य पेंशन अधिभार के रूप में एकत्रित धन पर नजर रखना और यह सुनिश्चित करना है कि डीवीबी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पेंशन और संबंधित लाभ के वित्तपोषण के लिए उनका उचित उपयोग हो।
बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘डीवीबी के पेंशनभोगियों की भलाई हमारी प्राथमिकता है। यह विशेष ऑडिट पूरी पेंशन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगा।’’ आतिशी ने कहा कि ऑडिट से पेंशन अधिभार के संग्रह में जवाबदेही और स्पष्टता सुनिश्चित होगी। बयान में कहा गया है कि यह पेंशन ट्रस्ट की नियमित वित्तपोषण जरूरतों की भी जांच करेगा।