‘आपका मतलब लोगों को वायु प्रदूषण से पीड़ित होने दें’, भड़का सुप्रीम कोर्ट…पंजाब सरकार को खूब सुनाई

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Air Pollution Issue: वायु प्रदूषण और पराली जलाने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त दिखा है। बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि आपका मतलब है कि लोगों को वायु प्रदूषण से पीड़ित होने दें, क्योंकि राज्य इसका पालन करने में सक्षम नहीं है। कोर्ट ने पंजाब सरकार के वकील की टिप्पणी पर जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर कोर्ट के निर्देशों का पालन करना व्यावहारिक रूप से बहुत मुश्किल है। पिछली बार हमारे अधिकारियों के साथ लोगों ने बुरा व्यवहार किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकारते हुए कहा कि राज्य ने पराली जलाने पर रोक के आदेश पर कुछ नहीं किया।  पिछले 3 सालों से पंजाब ने एक भी व्यक्ति पर मुकदमा नहीं चलाया। सिर्फ नाममात्र का जुर्माना लगा रहे हैं। कुछ नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि धान की पराली जलाई जा रही है और आप वायु प्रदूषण निवारण अधिनियम 1981 के तहत कुछ नहीं करना चाहते, हवा लगातार प्रदूषित हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कई सवाल पूछे

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि क्या आपके इस आचरण को जायज ठहराया जा सकता है? पिछली बार आपने कहा था कि केंद्र सरकार आपकी सुनवाई नहीं कर रही है? आज हम देखते हैं कि ट्रैक्टर और डीजल के लिए एक भी प्रस्ताव आपने नहीं दिया है? कोर्ट ने सरकार के वकील से कहा कि क्या आपने कहीं भी अपनी जरूरतों का केंद्र सरकार से उल्लेख किया है? केंद्र कैसे समझेगा?

अगली सुनवाई में चीफ सेक्रेटरी को पेश होने के आदेश

अदालत ने सरकार से कहा कि ये आपके मुख्य सचिव की ओर से सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया गया है। पूरी तरह से हमारे आदेश की अवहेलना  की गई है। आप गलत बयान का बचाव कर रहे हैं। इस पर पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि जमीनी स्तर पर कोर्ट के निर्देशों का पालन करना व्यावहारिक रूप से बहुत मुश्किल है। पिछली बार हमारे अधिकारियों के साथ लोगों ने बुरा व्यवहार किया था। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के चीफ सेक्रेटरी को अगले बुधवार 23 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का आदेश दिया है।