सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों वाली संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई के बाद पिछले साल 12 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने 17 अक्टूबर को अपने फैसले में कहा कि असम समझौता अवैध प्रवासन की समस्या का एक राजनीतिक समाधान था और सेक्शन 6ए इसका कानूनी हल था