जम्मू कश्मीर के गांदेरबल में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान अब भी निर्दोष लोगों की हत्या करने और जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है। पुलिस शहीद दिवस समारोह को संबोधित करते हुए सिन्हा ने पुलिस से गांदेरबल आतंकवादी हमले की जांच करने को कहा ताकि मारे गए लोगों और उनके परिजनों को न्याय मिल सके।
रविवार को गांदेरबल जिले के गुंड में एक निर्माणाधीन सुरंग में हुए आतंकवादी हमले में कश्मीर के एक डॉक्टर और छह गैर-स्थानीय मजदूरों की जान चली गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए। सिन्हा ने कहा, “हम कल के कायरतापूर्ण हमले को नहीं भूलेंगे।”
एलजी ने कहा, ‘‘पड़ोसी देश से अभी भी खतरा बना हुआ है। यह अब भी इस क्षेत्र में निर्दोष लोगों को मारने और यहां शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है।” सिन्हा ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी रोकने और आतंकवाद निरोधी अभियानों में सुधार की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “हमें यहां मादक पदार्थों की तस्करी रोकने की जरूरत है। हमें संभावित खतरों के प्रति सजग रहने और आतंकवाद निरोधी अभियानों में सुधार करने की जरूरत है।” जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने कहा कि निर्दोष लोगों की रक्षा की जानी चाहिए और दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
उपराज्यपाल ने कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारे सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी है और उनके सम्मान में ‘बलिदान स्तम्भ’ का निर्माण किया गया है। उनका बलिदान सर्वोच्च है।”
सिन्हा ने ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों के परिवारों को आश्वासन दिया कि उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, बीमा कवर और अन्य चीजों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उनके साथ हैं।’’ उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षा बलों के बलिदान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि कोई भी राष्ट्र तब तक विकास नहीं कर सकता जब तक वह सुरक्षित न हो।
उन्होंने कहा, “जब भी कोई घटना होती है, तो पुलिस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है, इसलिए मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे हमारे सुरक्षा बलों के बलिदान का सम्मान करें और उनका हौसला बढ़ाएं।” सिन्हा ने कहा, “हमें उन्हें सलाम करना चाहिए क्योंकि वे न तो हिंदू हैं, न मुस्लिम और न ही सिख। क्षेत्र में शांति के लिए मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे इस विकास प्रक्रिया में समान रूप से भाग लें।”