प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणी को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि के मामले में मुकदमे का सामना करने का रास्ता साफ होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि राजनीति में हर किसी को आलोचना करने का अधिकार है लेकिन अपमानजनक आरोप लगाने वालों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
भाजपा नेता और लोकसभा सदस्य रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रति केजरीवाल का आचरण पूरी तरह से ‘गैर जिम्मेदाराना’ रहा है। उन्होंने कहा कि यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कैसी-कैसी ‘अपमानजक टिप्पणियां’ की हैं।
प्रसाद ने कहा कि केजरीवाल ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान माफी की पेशकश की लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने अपनी अपमानजनक टिप्पणियों के लिए अरुण जेटली, नितिन गडकरी और कपिल सिब्बल सहित विभिन्न नेताओं से 10 बार माफी मांगी है।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए प्रसाद ने उन्हें केजरीवाल का साथी बताया और कहा कि कांग्रेस नेता भी मानहानि के मामलों का सामना कर रहे हैं और पूर्व में कई मौकों पर माफी मांग चुके हैं। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच एक समझौते पर पहुंचने के बाद विपक्षी दल द्वारा सरकार की आलोचना किए जाने पर एक सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा, ‘‘जहां तक राहुल गांधी और असदुद्दीन ओवैसी की बात है, वह विदेश नीति की बारीकियों को कितना समझते हैं, यह व्यापक बहस का विषय है।’’
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय पहले ही जो कुछ कह चुका है, उसके अलावा भाजपा के पास टिप्पणी करने के लिए कुछ नहीं है। समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव द्वारा उच्चतम न्यायालय के बारे में कथित अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किए जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि राज्यसभा सदस्य पहले ही स्पष्टीकरण दे चुके हैं लेकिन न्यायपालिका और न्यायाधीशों का सम्मान किया जाना चाहिए।
आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों एन चंद्रबाबू नायडू और एम के स्टालिन के इस सुझाव पर कि उनके राज्यों में लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि जनसंख्या नियंत्रण देश की प्रतिबद्धता है।
केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान जो भी उनके साथ था, उसने उन्हें छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति ईमानदारी और भ्रष्टाचार का प्रमाणपत्र देता था, वह अभी जेल से लौटा है।
उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित टिप्पणी को लेकर केजरीवाल की वह याचिका सोमवार को खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने मामले में जारी समन को रद्द करने से इनकार करने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी।
इससे केजरीवाल को मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर कथित टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि मामले में आपराधिक कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। गुजरात की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने मोदी की डिग्री के बारे में केजरीवाल और ‘आप’ सांसद संजय सिंह के कथित ‘व्यंग्यात्मक’ और ‘अपमानजनक’ बयानों को लेकर दायर मानहानि मामले में दोनों नेताओं को तलब किया था।