बुजुर्गों के पैर छूए…वायनाड में प्रियंका को टक्कर देने वाली BJP की नव्या कौन, सुर्खियों में क्यों?

wayanad bjp candidate navya haridas 1729672023945 16 9 7fSIBl

Navya Haridas: नव्या हरिदास ने हाई-प्रोफाइल वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना डोर-टू डोर कैंपेन शुरू किया है। भारतीय जनता पार्टी ने वायनाड उपचुनाव के लिए नव्या हरिदास को टिकट दिया है, जहां उनका मुकाबला राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी के साथ है, जिन्हें कांग्रेस ने वायनाड से राजनीति में लॉन्च कर दिया है। प्रियंका गांधी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में वायनाड में प्रियंका गांधी को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने स्थानीय लीडर नव्या हरिदास को मैदान में उतारा है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार दोपहर वायनाड लोकसभा क्षेत्र में रोड शो के बाद नामांकन दाखिल किया, वहीं बीजेपी उम्मीदवार नव्या हरिदास ने डोर-टू-डोर अभियान शुरू कर दिया है। बुजुर्गों के पैर छूकर, महिलाओं से आशीर्वाद लेकर और युवाओं से हाथ मिलाते हुए नव्या हरिदास अपना कैंपेन आगे बढ़ा रही हैं। नव्या हरिदास कहती हैं, ‘हमें जनता से बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। हमने तीन दिन पहले रोड शो के साथ अभियान की शुरुआत की थी। BJP कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अन्य लोगों ने भी बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया।’

नव्या हरिदास ने प्रियंका गांधी पर हमला बोला

नव्या हरिदास ने प्रियंका गांधी पर भी हमला बोला है और कहा कि ‘कांग्रेस नेता का उत्साह सिर्फ एक दिन तक ही सीमित है। प्रियंका गांधी वाड्रा नामांकन दाखिल करने के बाद दिल्ली वापस लौट जाएंगी, क्योंकि उनके लिए ये केवल 7 दिनों का काम है। हरिदास ने कहा, ‘आज, वो (प्रियंका गांधी वाड्रा) अपना नामांकन दाखिल कर रही हैं और हम देख सकते हैं कि ये सिर्फ एक दिन का ‘जोश’ है। नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद वो वापस लौट आएंगी। ये कार्यक्रम सिर्फ 7 दिनों का है। लेकिन मैं वादा कर सकता हूं कि मैं आने वाले 5 सालों तक वायनाड के लोगों के साथ रहूंगी।’

कौन हैं नव्या हरिदास? (Who is Navya Haridas)

39 वर्षीय नव्या हरिदास दो बार कोझिकोड निगम पार्षद रह चुकी हैं और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की उम्मीदवार प्रियंका गांधी के खिलाफ उपचुनाव लड़ रही हैं। नव्या हरिदास बीजेपी की महिला मोर्चा की राज्य महासचिव हैं। इंजीनियरिंग की डिग्री वाली नव्या ने बैंक में बतौर सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल ढाई साल तक काम किया। 2009 में शादी के बाद वो सिंगापुर चली गईं।

नव्या का परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार से जुड़ा हुआ था। 2015 में नव्या छोटी सी यात्रा पर सिंगापुर से लौटी थीं। इसी बीच उन्हें स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने का मौका मिला। राजनीति में पहली जीत के बाद नव्या सिंगापुर वापस नहीं गईं। 2015 के बाद 2020 में भी वो पार्षद बनीं। 2021 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कोझीकोड दक्षिण सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा। फिलहाल नव्या अपने करियर की सबसे बड़ी राजनीतिक लड़ाई का सामना करेंगी। एक ऐसी सीट पर जो गांधी परिवार के करीबी जुड़ाव के कारण सुर्खियों में रहेगी।

यह भी पढे़ं: शिवपाल ने किसको दे डाली धमकी? बोले- लाल कलम से नाम लिख लें, हिसाब होगा