Mumbai : बंबई उच्च न्यायालय ने सीमाशुल्क विभाग को प्रसिद्ध कलाकारों एफ एन सूजा और अकबर पद्मसी की उन कलाकृतियों को अगले आदेश तक नष्ट करने से रोक दिया है जिन्हें ‘अश्लील सामग्री’ होने के आधार पर पिछले साल जब्त किया गया था।
न्यायमूर्ति एम एस सोनक और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने सोमवार को शहर के कारोबारी और कलाकृतियों के जानकार मुस्तफा कराचीवाला की कंपनी बी के पॉलीमैक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उनके द्वारा खरीदी गईं इन कलाकृतियों को जब्त करने का आदेश मनमाना, अवैध और रद्द करने लायक था। अदालत ने कहा, ‘‘प्रतिवादी (सीमाशुल्क विभाग) को एक जुलाई, 2024 के आदेश के अनुरूप जब्त की गईं कलाकृतियों को अगले आदेश तक नष्ट करने से रोका जाता है।’’
याचिका में कहा गया है कि सूजा और पद्मसी को भारत सरकार ने प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा है। अधिवक्ताओं श्रेयस श्रीवास्तव और श्रद्धा स्वरूप के माध्यम से दाखिल याचिका में प्रश्न उठाया गया है कि सीमाशुल्क विभाग कलाकृति को अश्लील कैसे मान सकता है।
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