हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बृहस्पतिवार को नीति आयोग से आग्रह किया कि वह “पहाड़ी राज्यों के लिए एक अलग समझौते” पर विचार करे क्योंकि उनकी जरूरतें अन्य राज्यों की तुलना में अलग हैं।
दिल्ली में नीति के आयोग उपाध्यक्ष सुमन बेरी, सदस्य वी.के. पॉल और विशेषज्ञों की एक समिति के साथ बैठक में उन्होंने कहा, “हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत के लिए फेफड़ों के रूप में कार्य करता है और इसे अपने वन क्षेत्र और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए ‘हरित बोनस’ मिलना चाहिए।”
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 68.16 प्रतिशत (37,033 वर्ग किलोमीटर) भाग वनों से ढका हुआ है। एक बयान के अनुसार सुक्खू ने नीति आयोग से हिमाचल प्रदेश की “विशिष्ट आवश्यकताओं” का अध्ययन करने तथा वित्त पोषण एजेंसियों और वित्त आयोग के समक्ष इसे रखने का अनुरोध किया। बेरी ने कहा कि विशेषज्ञों की एक समिति राज्य द्वारा प्रस्तुत मामले का अध्ययन करेगी।