सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने की अपनी बहुआयामी रणनीति के तहत दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर रेल के जरिये करीब 840 टन बफर प्याज पहुंचाया है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि 20 अक्टूबर को ‘कांदा एक्सप्रेस’ के जरिये 1,600 टन प्याज दिल्ली पहुंचने के बाद यह रेल मार्ग से दूसरी बड़ी आपूर्ति है।
मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत सहकारी संस्था, नाफेड द्वारा खरीदी गई खेप मुख्य रूप से आजादपुर मंडी के जरिये जारी की जाएगी, जिसका एक हिस्सा 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुदरा बिक्री के लिए निर्धारित किया गया है।
सरकार ने रबी सत्र के दौरान 4.7 लाख टन का बफर बनाया था और पांच सितंबर से खुदरा और थोक चैनल के माध्यम से इसे जारी करना शुरू किया था।
राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) 22 राज्यों में 104 गंतव्यों तक पहुंच चुका है, जबकि नाफेड 16 राज्यों में 52 स्थानों को अपने दायरे में लाता है। एजेंसियों ने 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुदरा बिक्री के लिए सफल, केंद्रीय भंडार और रिलायंस रिटेल के साथ साझेदारी की है। इसके अतिरिक्त, खुदरा वितरण के लिए नौ राज्य सरकारों और सहकारी समितियों को 86,500 टन प्याज आवंटित किया गया है। इस हस्तक्षेप से आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, यूपी, तमिलनाडु और दिल्ली सहित प्रमुख राज्यों में खुदरा कीमतों को स्थिर करने में मदद मिली है, जबकि अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य अक्टूबर तक स्थिर रहा है।
नासिक मंडी में थोक भाव 24 सितंबर को 47 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर वर्तमान में 40 रुपये पर आ गए हैं। बयान में कहा गया है कि गुवाहाटी रेल खेप से पूर्वोत्तर राज्यों में उपलब्धता में सुधार होने और क्षेत्रीय कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है।
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