CBSE Surprise Inspection: आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार दिल्ली (Delhi) में शिक्षा क्रांति लाने के दावे करती है। सरकारी स्कूलों के कायाकल्प किए जाने का दावा किया जाता है। AAP सरकार का दावा है कि दिल्ली जैसा शिक्षा मॉडल किसी राज्य में नहीं है, लेकिन CBSE की रेड ने दिल्ली (Delhi) के स्कूलों की पोल खोल दी है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बुधवार को दिल्ली और राजस्थान के कुछ स्कूलों में औचक निरीक्षण की जानकारी दी है। CBSE की ओर से जारी रिलीज के मुताबिक बीते रविवार यानि 3 नवंबर को दिल्ली (Delhi) और राजस्थान (Rajasthan) में CBSE से संबद्ध 27 स्कूलों में सरप्राइज इंस्पेक्शन किया गया। इस औचक निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य ये सुनिश्चित करना था कि स्कूल बोर्ड की संबद्धता और परीक्षा उप-नियमों (CBSE Examination Bye Laws) के अनुसार छात्रों की नियमित उपस्थिति के मानदंडों का पालन कर रहे हैं या नहीं।
CBSE की ओर से जारी सर्कुलर
CBSE ने इस बात पर जोर दिया कि डमी या बच्चों की गैर-हाजिरी वाले स्कूल शैक्षणिक अखंडता को कमजोर करते हैं, इसलिए औचक निरीक्षण के बाद स्कूलों को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया गया है और जवाब देने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।
इतने स्कूलों का औचक निरीक्षण
CBSE ने दिल्ली (Delhi) और राजस्थान (Rajasthan) के कुल 27 स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। CBSE ने नौंवी से बारहवीं कक्षा में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के अनुपस्थित रहने के कारण 21 स्कूलों की CBSE संबद्धता रद्द कर दी है। वहीं 6 स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी का स्टेटस हटाकर उन्हें सेकेंडरी स्तर का कर दिया गया है।
दिल्ली के जिन स्कूलों पर CBSE की कार्रवाई हुई है, उनमें ज्यादातर निजी स्कूल हैं।
जिन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई हुई
इन स्कूलों के खिलाफ हुई CBSE की कार्रवाईइन स्कूलों के खिलाफ हुई CBSE की कार्रवाई
CBSE की ओर से निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं को लेकर औचक निरीक्षण समितियों की महत्वपूर्ण टिप्पणियों को संबंधित स्कूलों को रिपोर्ट के रूप में भेजा गया है। स्कूलों की ओर से भेजे गए जवाबों की बोर्ड की ओर से विस्तार से जांच की गई।
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