Delhi Mayor Election: हंगामे के आसार, इस बार SC ही बनेगा महापौर; BJP और AAP ने किसे बनाया उम्मीदवार?

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Delhi Mayor Election: दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव होने जा रहा है। लगभग 7 महीने पहले अप्रैल में ही मेयर का चुनाव होना थे, लेकिन राजनीतिक टकराव के चलते इसमें लगातार देरी होती रही। फिलहाल मेयर चुनाव आज एमसीडी हाउस में होना है। हालांकि पहले की तरह मेयर चुनाव में फिर से हंगामा होने के भी आसार हैं।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मेयर चुनाव के लिए गौतमपुरी से BJP पार्षद सत्य शर्मा को देखरेख के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है। चुनाव प्रक्रिया के तहत विधानसभा की बैठक होगी, जिसमें मेयर का चुनाव किया जाएगा। दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम के अनुसार, इस बार मेयर का पद अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है।

BJP और AAP ने किसे बनाया उम्मीदवार?

मेयर पद वर्तमान में अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित होने पर आम आदमी पार्टी ने करोल बाग के देव नगर वार्ड से पार्षद महेश कुमार खिंची को उतारा है तो बीजेपी ने शकूरपुर वार्ड पार्षद किशन लाल को अपना कैंडिडेट बनाया है। उप महापौर पद के लिए आम आदमी पार्टी के रविंदर भारद्वाज और बीजेपी की नीता बिष्ट के बीच मुकाबला है।

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दिल्ली में हर साल बदलता है मेयर

एमसीडी नियमों के अनुसार, महापौर चुनाव हर साल अप्रैल में होते हैं, जिसमें हरेक महापौर 5 साल के रोटेशन के हिस्से के रूप में एक साल का कार्यकाल पूरा करता है। पहला कार्यकाल महिलाओं के लिए, दूसरा ओपन कैटेगरी के लिए, तीसरा आरक्षित श्रेणी के लिए और आखिरी दो कार्यकाल फिर से ओपन कैटेगरी के लिए निर्धारित हैं। दिसंबर 2022 में आम आदमी पार्टी के MCD पर नियंत्रण करने के बाद से ये तीसरा महापौर कार्यकाल है।

दिल्ली मेयर चुनाव में हंगामे के आसार

दिल्ली मेयर चुनाव में हंगामे के आसार दिखाई दे रहे हैं। सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस के पार्षद सदन में हंगामा कर सकते हैं, क्योंकि पार्टी दलित मेयर के लिए पूर्ण कार्यकाल (1 साल) की मांग कर रही है। कांग्रेस के पार्षद चुनाव के लिए सदन में पहुंच रहे हैं, लेकिन वोट नहीं डालेंगे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनावों का बहिष्कार करेगी। इसके पहले स्टैंडिंग कमिटी मेंबर के वोटिंग में भी कांग्रेस में वोट नहीं डाला था। दिल्ली में कांग्रेस के पास अभी 8 पार्षद हैं।

इधर, वोट देने पहुंच रहे बीजेपी के पार्षदों का भी कहना है कि अनुसूचित जाति के अधिकार का हनन हुआ है। जो चुनाव पहले हो जाना चाहिए था, उनका तो आधा कार्यकाल ही खत्म हो गया है। ऐसे में सदन के भीतर हंगामा हो सकता है।

मेयर चुनाव को लेकर सदन का समीकरण क्या है?

पिछले चुनाव के बाद से 250 सदस्यीय एमसीडी सदन में आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधित्व घटकर 125 सीट पर आ गया है, जो बहुमत से कम है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास 113 की संख्या है। कांग्रेस के पास 8 सीटें हैं और 3 सीटें निर्दलीयों के पास हैं। पिछले चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटें जीती थीं।

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