

(खबरें अब आसान भाषा में)
भारत ने इन दोनों ही कदमों को कट्टरपंथी बांग्लादेश का उदय बताया है। जस्टिस फराह महबूब और देबाशीष रॉय चौधरी के सामने 15वें संशोधन की वैधता पर अदालत में सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें पेश करते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इन बदलावों से “संविधान देश के लोकतांत्रिक और ऐतिहासिक लोकाचार के अनुरूप हो जाएगा