उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बच्चों (NISU) के वार्ड में शुक्रवार रात को आग लगने की घटना हुई। देखते ही देखते आग की लपटों ने NISU के वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई जबकि 16 बच्चे जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं। हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से बताया कि आग शार्ट सर्किट की वजह से लगी। मगर अग्निकांड के एक चश्मदीद ने जो सुनाया वो काफी हैरान कर देने वाला है।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, NISU के एक हिस्से में अचानक शार्ट सर्किट हुआ जिससे आग लग गई। यह घटना रात करीब साढ़े दस से 10 बजकर 45 मिनट के बीच की बताई जा रही है। आग लगने की सूचना मिलते ही चाइल्ड वॉर्ड की खिड़की तोड़कर रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। बचाव अभियान के तहत 35 से ज्यादा बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। मगर 10 को बचाया ना जा सका। घटना के वक्त अस्पताल में मौजूद एक चश्मदीद ने घटना को लेकर अलग जानकारी दी है,जो काफी चौंका देने वाला है।
NISU वार्ड में 49 बच्चे भर्ती थे-सचिन माहोर
झांसी मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहोर ने बताया कि, शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी, उस समय 49 बच्चे वहां दाखिल थे। 39 बच्चों को रेस्क्यू कर लिया गया। सभी बच्चों की हालत स्थिर है। घटना में 10 बच्चों की मौत हुई है, जिनमें से 3 बच्चों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। वहीं,चश्मदीद के बयान के मुताबिक अगलगी की इतनी बड़ी घटना एक लापरवाही की वजह से हुई।
नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर के पास माचिस जलाई-चश्मदीद
चश्मदीद ने बताया कि बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई थी। जैसे ही उसने तीली जलाई आग पूरे वार्ड में फैल गई। फिर देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। हैरानी की बात ये थी कि आग लगने की घटना के बाद भी अस्पताल में लगा फायर अलर्म भी नहीं बचा। इतना ही नहीं जो फायर एक्सटिंग्विशर वो भी एक्सपायर हो चुके थे। सिर्फ दिखाने के लिए खाली सिलेंडर यहां रखे हुए थे।
CM योगी ने मुआवजा का किया ऐलान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मुआवजे का ऐलान भी कर दिया है। साथ ही घटना री उच्चस्तरीय जांच की भी बात कही है। हादसे में जान गंवाने वाले नवजात शिशुओं के परिजनों को तत्काल ₹5-5 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं, गंभीर रूप से घायल बच्चों के इलाज और उनके परिजनों की मदद के लिए ₹50-50 हजार की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
अपने बच्चे की एक झलक के लिए भड़क रहे परिजन
लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के अंदर और बाहर का मंजर कलेजा चीर देने वाला है। NISU का वार्ड पूरी तरह जला पड़ा है। अस्पताल में लगी सारी मशीनों जलकर खाक हो गई। वहीं,अस्पताल के बाहर बच्चों के परिजनों की सब रोने और चीखने की आवाज सुनाई दे रही है। झांसी के पास स्थित महोबा जिले के एक दंपति ने इस हादसे में अपने नवजात बच्चे को खो दिया है। बच्चे की मां ने बताया कि उनके बच्चे का जन्म 13 नवंबर को सुबह आठ बजे हुआ था। उन्होंने रोते हुए कहा, मेरा बच्चा घर जाने से पहले ही आग में जलकर मर गया।
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