उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के थूथुकुडी में वेदांता समूह के ‘कॉपर स्मेल्टिंग प्लांट’ (तांबा गलाने वाले संयंत्र) को बंद करने के खिलाफ दाखिल उसकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी।शीर्ष अदालत ने स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य और कल्याण के महत्व को रेखांकित करते हुए, प्रदूषण संबंधी चिंताओं के कारण मई 2018 से बंद थूथुकुडी स्थित वेदांता के संयत्र को पुन: शुरू करने की उसकी याचिका को 29 फरवरी को खारिज कर दिया था।
यह संयंत्र मई 2018 से बंद है, जब पुलिस ने संयंत्र से होने वाले कथित प्रदूषण के कारण हुए विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए गोलीबारी की थी। इस दौरान 13 लोगों की मौत हो गई थी। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ (अब सेवानिवृत्त) और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने समीक्षा याचिका को खुली अदालत में सूचीबद्ध करने के वेदांता के आवेदन को भी खारिज कर दिया।
पीठ ने 22 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘पुनर्विचार याचिकाओं की समीक्षा करने के बाद, रिकॉर्ड में कोई गलती नहीं पाई गई है। उच्चतम न्यायालय नियम 2013 के एक नियम के तहत पुनर्विचार के लिए कोई मामला नहीं बनता है। इसलिए, पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किया जाता है।’’