Bahraich Bhedia Attack: उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़िए ने लोगों की रातों की नींद और दिन का चैन हराम कर रखा है। महसी तहसील क्षेत्र में भेड़िए का खौफ ऐसा है कि पुलिस-प्रशासन के साथ गांव के लोग शिफ्टों में पहरा दे रहे हैं। वन विभाग के मुताबिक भेड़ियों ने 35 से अधिक गांवों को आतंकित कर रखा है। अब गांव वालों को अमावस्या की काली रात का डर सता रहा है।
अमावस्या की काली रात में आदमखोर भेड़िए से बचने के लिए ग्रामीण ने एक विशेष पूजा का आयोजन किया है। कहा जाता है कि अमावस्या की रात भेड़िया अधिक खूंखार होता है। नरभक्षी भेड़िए से क्षेत्र वासियों की रक्षा के लिए ग्रामीणों ने तालाब के मंदिर पर विशेष पूजा रखी है। ये पूजा भगवानपुर कस्बे के मंदिर में होगी।
भेड़िये और अमावस्या का कनेक्शन
माना जाता है कि आदमखोर भेड़िए अमावस्या की रात का बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि अमावस्या की रात में अधिक अंधेरा होता है। भगवान ने जानवरों को रात में भी देखने की अनोखी क्षमता दी है, लेकिन इंसान रात के अंधेरे में अपनी आंखों से कुछ देख नहीं सकता। ऐसे में अमावस्या की रात भेड़िए को शिकार करने में आसानी होती है।
माना जाता है कि अमावस्या की रात को भेड़िए अधिक खूंखार हो जाते हैं। पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी रहती है। उजाले में शिकार करना सुरक्षित नहीं रहता। पूर्णिमा के आसपास भेड़िए आवाज भी निकालते हैं। जिससे वो अपने ग्रुप को मैसेज देते हैं कि रोशनी अधिक है और आज की रात शिकार के लिए सही नहीं है। वहीं अमावस्या के दिन ऐसा नहीं होता, अमावस्या को अधिक अंधेरा होता है। माना जाता है कि भेड़िए जैसे जानवर इसीलिए अमावस्या को अधिक हिंसक हो जाते हैं।
आज है सोमवती अमावस्या
बहराइच के महसी तहसील क्षेत्र में मार्च महीन से इंसानों पर भेड़ियों के हमले हो रहे हैं। बरसात के मौसम में 17 जुलाई से हमले बढ़े और हमलों में बच्चों को अधिक निशान बनाया गया है। प्रशासन लोगों को रात में घर के अंदर रहने की सलाह दे रहा है। अमावस्या की रात भेड़िए इंसानों पर हमले तेज कर देते हैं। चिंता की बात ये है कि आज सोमवती अमावस्या है।
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