झारखंड में ‘मौत की दौड़’, सिपाही भर्ती के दौरान 10 दिनों में 8 मौतें, सवालों के घेरे में हेमंत सरकार

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झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार एक बार फिर विपक्ष के सवालों के घेरे में है। दरअसल, राज्य में उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया के दौरान हुई दौड़ में 8 अभ्यर्थियों की मौत का दावा किया गया है। राज्य के अलग-अलग केंद्रों पर चल रही दौड़ के क्रम में 10 दिनों के अंदर 8 अभ्यर्थियों की मौत की बात सामने आ रही है। वहीं, 100 से अधिक अभ्यर्थी बेहोश होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं। अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विपक्ष के सवालों के घेरे में हैं।

राज्य में उत्पाद सिपाही भर्ती के लिए 22 अगस्त से परीक्षा चल रही है। कड़ाके की धूप में दौड़ के दौरान छात्रों के बेहोश होने की लगातार खबरे आ रही है। इस बीच 8 अभ्यर्थियों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। जबकि बीजेपी की तरफ से 10 अभ्यर्थियों की मौत का दावा किया जा रहा है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने खुद इस मामले को लेकर अपने X हैंडल पर पोस्ट कर हेमंत सोरेन पर हमला बोला है।

हेमंत सोरेन के जिद के कारण छात्रों की मौत-बाबूलाल मरांडी

बाबूलाल मरांडी ने लिखा, हेमंत सोरेन के कुव्यवस्था और जिद के कारण उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया की दौड़ अब ‘मौत की दौड़’ बन चुकी है। इस ‘मौत की दौड़’ में राज्य के 10 बेरोजगार युवा असमय काल की गाल में समा गए हैं। कई घरों के चिराग बुझ गए हैं, कई मां-बाप बेसहारा हो गए हैं। अभ्यर्थियों को आधी रात से लाइन में खड़ा कर अगले दिन झुलसा देने वाली धूप में दौड़ाया जा रहा है। भर्ती केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधा का समुचित प्रबंध तक नहीं किया गया है। दौड़ के लिए चयनित मार्ग पर भी हेमंत सरकार के द्वारा पर्याप्त संसाधनों की व्यवस्था नहीं की गई है।

 मामले की न्यायिक जांच की उठी मांग

बाबूलाल मरांडी ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है, उन्होंने लिखा, हेमंत जी को साढ़े 4 सालों तक युवाओं को बेरोजगार रखने के बाद भी तसल्ली नहीं मिली, तो वे अब युवाओं के जान लेने पर ही उतारू हो गए हैं। आज अभ्यर्थियों ने आवेदन देकर उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया की दौड़  में हो रही अव्यवस्था के संदर्भ में अवगत कराया। सरकार अविलंब मृत युवाओं के आश्रितों को मुआवजा तथा नौकरी उपलब्ध कराए। साथ ही, इस गंभीर मामले की न्यायिक जांच कराए।

वोट बैंक की राजनीति का बदला लेंगे- निशिकांत दुबे

वहीं, BJP सांसद निशिकांत दुबे ने भी सीएम हेमंत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में भी एक अभ्यर्थी की मौत का दावा करते हुए लिखा, वोट बैंक की राजनीति ने मेरे गोड्डा के होनहार बच्चे की जान ले ली । चुनाव आचार संहिता के डर से गर्मी और उमस में दौड़ने के कारण बच्चों की मौत हो रही है । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी विधानसभा चुनाव में हम आपको गद्दी से उतार कर इसका बदला लेंगे।

इस प्रक्रिया के तहत होती है बहाली

बता दें कि झारखंड में पुरुष सिपाही भर्ती के लिए 60 मिनट में 10 किमी के दौड़ करायी जाती है। पहले शाराीरिक परीक्षा में 1600 मीटर की दौड़ 6 मिनट में लगानी होती थी, इसके बाद लंबी व ऊंची कूद की परीक्षा होती थी। इसके आधार पर मेरिट लिस्ट बनती थी। मगर साल 2016 के बाद नियम में बदलाव किए गए और 10 किमी के दौड़ को एक घंटे में पूरे करने का नियम बनाया गया।