अक्सर आप दुकान पर जाते होंगे तो आपको एख चीज देखने को मिलती होगी, जिसपर लिखा होता है ‘बिका हुआ माल वापस नहीं होगा’। लेकिन क्या आपको पता है कि दुकान पर ये लिखा होना वैध है या नहीं? आज 24 दिसंबर को देशभर में राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस यानी नेशनल कंज्यूमर राइट्स डे मनाया जाता है। ऐसे में आपको बताते हैं कि अगर किसी दुकान पर ऐसा लिखा होता है, तो इसका क्या मतलब है और क्या नियम हैं।
भारत में 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम बनाया गया, जिसके तहत ग्राहकों को कुछ अधिकार दिए गए। इन अधिकारों की वजह से ना सिर्फ कस्टमर को लूट से बचने में मदद मिलती है, बल्कि खराब प्रोडक्ट और खराब सर्विस से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है।
क्या दुकानों पर ‘बिका माल वापस नहीं होगा’ लिखना जायज?
अक्सर सभी दुकानों पर लिखा होता है कि बिका हुआ माल वापस नहीं होगा। ऐसे में सवाल ये है कि ये लिखना कितना जायज है? इस तरह की शर्त के बाद लोग किसी भी सामान को खरीदने से पहले सौ बार सोचते है। खरीदने का अगर फैसला कर भी लें, तो उनके मन में एक डर सा होता है कि कहीं सामान में कुछ खराबी ना हो, मेरे पैसे बर्बाद ना हो जाएं। क्योंकि अगर प्रोडक्ट में कोई भी खराबी हो, खरीदने के बाद दुकान के मालिक वो वापस नहीं लेते हैं।
दुकानदार के खिलाफ हो सकती है कानूनी कार्रवाई
कानूनी तौर पर देखें, तो कोई भी दुकान वाला अपनी दुकान पर ऐसा नहीं लिख सकता है। कानूनी तौर पर ये सही नहीं है। किसी भी दुकान पर ऐसा लिखा होना सीधे तौर पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत बनाए गए नियमों का उल्लघंन है। इसलिए किसी भी दुकान पर अगर ऐसा लिखा है, और कस्टमर को किसी परेशानी से गुजरना पड़ता है, तो उस दुकानदार को सजा हो सकती है। इतना ही नहीं, उन्हें जुर्माना भी देना पड़ सकता है। ऐसे में अगली बार कोई दुकानदार खराब प्रोडक्ट देने के बाद उसे वापस लेने से मना करे तो आप उसके खिलाफ अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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