कभी भी अपना पूरा निवेश किसी एक एसेट में नहीं लगाना चाहिये। यानी रिस्क कम करने के लिए कई एसेट क्लास में निवेश को डायवर्सिफाइड करें। MF में निवेश के भी कई एसेट क्लास होते हैं। जैसे इक्विटी या डेट फंड या फिर हाइब्रिड कैटेगरी। सबके रिस्क और वेल्थ क्रिएशन की क्षमताएं भी अलग-अलग हैं