आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य में, खासकर विजयवाड़ा क्षेत्र में हाल में हुई मूसलाधार बारिश और उसके बाद आई बाढ़ उनके अब तक के राजनीतिक जीवन में राज्य में आई ‘‘सबसे बड़ी आपदा’’ है। नायडू ने सोमवार को यह भी कहा कि वह केंद्र सरकार से अनुरोध करेंगे कि वह राज्य में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। हालिया वर्षा-जनित और बाढ़ संबंधी घटनाओं कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई है।
नायडू ने सोमवार को कहा…
नायडू ने सोमवार देर रात को एनटीआर जिला कलेक्ट्रेट में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मेरे अब तक के राजनीतिक जीवन में यह सबसे बड़ी आपदा है…। हुदहुद तूफान और तितली चक्रवात जैसी कुछ प्राकृतिक आपदाएं पहले भी आई हैं लेकिन उनकी तुलना में इस बार जान-माल की क्षति सबसे अधिक हुई है।’’
जिला कलेक्ट्रेट को मुख्यमंत्री ने अस्थायी सचिवालय में तब्दील कर दिया है। नायडू ने कहा कि आपदा से संबंधित सभी सूचनाएं केंद्र को भेजी जाएंगी और वह राज्य को इस क्षति से उबारने के लिए केंद्र से धनराशि देने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि विजयवाड़ा में प्रकाशम बैराज में बाढ़ का पानी सबसे अधिक है और उससे 11.43 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। नायडू ने बताया कि बैराज में बाढ़ का अधिकतम 11.9 लाख क्यूसेक पानी रखे जा सकने की क्षमता है।
उन्होंने कहा, ‘‘11.43 लाख क्यूसेक बाढ़ के पानी के कारण पानी भवानीपुरम रोड पर आ गया और पूरा स्वाति थिएटर क्षेत्र (विजयवाड़ा में) जलमग्न हो गया। इसके बाद बाढ़ का पानी वाम्बे कॉलोनी में घुस गया।’’ उन्होंने कहा कि अजीत सिंह नगर जैसी कुछ जगहें अब भी जलमग्न हैं, लेकिन बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। नायडू के अनुसार, अजीत सिंह नगर में बाढ़ का पानी 1.5 फुट कम हो गया है और भवानीपुरम में भी पानी कम होना शुरू हो गया है। नायडू ने कहा कि कृष्णा नदी और बुडमेर में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है और उन्होंने कहा कि अगले दो दिन में स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।
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