Atul Subhash Case: बेंगलुरु के बहुचर्चित AI इंजीनियर अतुल सुभाष का सुसाइड केस देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। अतुल सुभाष की मौत के बाद उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां और भाई को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अतुल सुभाष का परिवार उसके 4 चार साल के बेटे की कस्टड़ी माग रहा है।
अतुल के भाई विकास मोदी ने मंगलवार को अपने भतीजे की कस्टड़ी की मांग की है। अतुल के भाई ने कहा कि हमें मेरे भतीजे को लेकर चिंता हो रही है। अभी तक हमें भतीजे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इससे पहले अतुल सुभाष की मां ने अपने 4 साल के पोते की कस्टडी की मांग की थी। इसको लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। शीर्ष अदालत ने दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 7 जनवरी को होनी है। अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी और उसके परिवार के कथित उत्पीड़न के बाद 9 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी।
दादी को नहीं पता, कहां है पोता
अतुल की मां अंजू देवी ने अपने पोते यानी अतुल के साढ़े चार साल के बेटे की कस्टडी के लिए अर्जी लगाते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है। दायर की गई याचिका में कहा गया है कि वो बच्चा कहां है ये किसी को भी पता नहीं है। क्योंकि हिरासत में मौजूद अतुल की पत्नी निकिता उस बच्चे का अता पता नहीं बता रही है। निकिता के भाई अनुराग सिंघानिया और मां निशा सिंघानिया भी फिलहाल हिरासत में हैं।
अभी कहां है अतुल का बेटा?
निकिता ने पुलिस को बताया कि बेटा फरीदाबाद के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है। उसकी कस्टडी निकिता के ताऊ सुशील सिंघानिया के पास है। जबकि निकिता के ताऊ सुशील ने पुलिस को बच्चे की कस्टडी या उसके बारे में कोई भी जानकारी होने से सिरे से इंकार किया है। याचिका में कहा गया है कि इस मामले का उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक तीनों राज्यों से संबंध है इसलिए सुप्रीम कोर्ट इसमें दखल दे और बच्चे को बरामद कर कोर्ट के समक्ष लाया जाए। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।
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