यूपी के बहराइच में पिछले रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच हुए हिंसक विवाद, पत्थरबाजी और एक युवक की हत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। पहले ऐसे खबरें आई थीं कि मृतक रामगोपाल के साथ हमीद और सलमान ने बर्बरता की हदें पार कर दी थीं। उसके पैर के नाखून को पिलास से खींचा गया था, तलवार से हमला किया गया था फिर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
बहराइच पुलिस ने बताया कि रामगोपाल की मौत गोली लगने से हुई थी। उसके साथ क्रूरता किए जाने की बात को झूठी बताते हुए पुलिस ने इसे कुछ लोगों की अफवाह फैलाने की शरारत बताई। घटना की वजह से जिले का माहौल काफी खराब हो गया था और लोगों के बीच तनाव फैल गया था।
बहराइच पुलिस ने की ये अपील
एक अपील जारी करते हुए पुलिस द्वारा कहा गया है कि सोशल मीडिया में साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के उद्देश्य से भ्रामक सूचना जैसे मृतक को करंट लगाना, तलवार से मारना एवं नाखून उखाड़ना आदि बातें फैलाई जा रही हैं जिसमें कोई सच्चाई नहीं है।
पोस्टमॉर्टम में मृत्यु का कारण गोली लगने से होना पाया गया है। इस घटना में एक व्यक्ति के अतिरिक्त अन्य किसी की मृत्यु नहीं हुई है। अतः सभी से अनुरोध है कि साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाये रखने के लिए अफवाहों पर ध्यान न दें व भ्रामक सूचनाओं को प्रसारित न करें।
आपको बता दें कि दरअसल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देकर ऐसी खबरें फैलाई जा रही थी कि सलमान ने सिर्फ रामगोपाल का बंदूक से सीना ही छलनी नहीं किया था, बल्कि पैर के दोनों अंगूठों के नाखून भी नोच डाले थे। दावा ये भी है कि हमीद के घर में लगभग 15 मिनट तक रामगोपाल कैद रहा है। इस दौरान उस पर चाकू से भी कई वार किए गए हैं। इसके बाद सलमान ने उस पर बंदूक से छह फायर झोंके। मौके से बरामद खोखे इसकी तस्दीक भी कर रहे हैं।
शरीर से 22 छर्रे निकलने की पुष्टि
पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक रामगोपाल मिश्रा के शरीर में 22 छर्रे धसने की पुष्टि हुई हैं। वहीं छर्रे मृतक के चेहरे, गले और सीने में धंसे मिले हैं। जो साफ जाहिर कर रहे है कि उसे तीन से अधिक भरुआ कारतूस मारी गई है। मृतक के कंधों के नीचे भी मौत की पुष्टि के लिए गोली मारी गई है।
इंटरनेट सेवा हुई बेहाल
दो दिन से बहराइच में बंद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। बुधवार रात 12 बजे से इंटरनेट सेवा बहाल हो गई है। आपको बता दें कि महसी इलाके के महाराजगंज में हुई हिंसा में अब तक 10 मुकदमे लिखे जा चुके हैं। एक मुकदमा मृतक राम गोपाल मिश्रा के परिवार की तरफ से हत्या करने वालों के खिलाफ दर्ज हुआ था, जिसमें दानिश उर्फ शहीर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है।
दूसरा पुलिस द्वारा 6 मुकदमे पूरे इलाके में आगजनी, बवाल और दंगा करने वालों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं, जिसमें 54 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। 3 मुकदमे मुस्लिम समुदाय की तरफ से आगजनी, तोड़फोड़ और मारपीट के दर्ज कराए गए हैं।